"आदमी आम कौण से??" - सुधा राजे की व्यंग्य रचना

हम पै अब लौ इस कूट्टर सै तुम पै ह्वै गई
कार
आदमी आम कौण सै?
थारै घर मा बासमती सँग चिकन
मलाईदार
म्हारे घर में बिणा प्याज की दाल
बणी तिबहार ।
आदमी आम कौण सै?
थारे घङ में एसी डीसी
गैस कनेक्शन चार
म्हारी बाखर बिना लैट के सोलह घंटे
पार
आदमी आम कौण सै??
म्हारी तै सुणवाई कोणी थारी जै जै कार
थाँ तो छोङ नौक्करी बी सुख
मैं पढ़ लिख बेकार!!!!!
आदमी आम्म कौण सै??
©®सुधा राजे
511/2,पीताम्बरा आशीष
फतेहनगर
शेरकोट-246747
बिजनौर
उ. प्र.
9358874117
sudha.raje7@gmail.com
यह रचना पूर्णतः मौलिक है।

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