Sunday 12 January 2014

गीत:हा गरीब की करिया मौङी रङुआ करत निहोरे

Sudha Raje
कारी बिटिया कब
की स्यानी
भरे खेत अलसी अर्रानी
सोचे पलटू अबके काढ़ूँ
पर गये बैरी ओरे
हा गरीब
की करिया बेटी
रङुआ करे निहोरे
पर कें ब्याह बङी के कीन्हें
दो बीघा गिरवीं धर
दीन्हें
चार चीज बनिया कें बेची
कुछ उधार साढू ने दीन्हे
अबकें छठी और दशटोनी
आगहने की जोरें
पलटू जागे रात रात भर
ठिठुर मेङ की ठोरे
पर गये बैरी ओरे
हा गरीब
की करिया बेटी
रङुआ करे निहोरे
दो हर
की खेती बाबा की
पाँच बैल थे बिक गये
अब बटाई पे लयी प्रधान
की
चुका मजूरी फुँक गये
ट्रक्टर
लियो पुरानों करजा ले कें
डीजल धुक गये
भादों में पछीत गिर बैठी
अबकें पौर झकौरे
हा गरीब
की करिया बेटी
रङुआ करे निहोरे
पर गये बैरी औरे
हरदी चंदन दही मलायी
जा ने जैसी करी बताई
ओढ़ दुपट्टा करी मढ़ा में
घाम खेत दये कुआँ छुङाई
सिगरे ब्रिस्पत करे मतारी
बिटिया माथो फोरैं
हा गरीब
की करिया बेटी
रङुआ करे निहोरे
पर गये बैरी ओरे
©®¶©®Sudha
Raje
Datia★bjnr
©®¶©®¶
Feb
4 ·
Mar 11, 2013

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