Sudha Raje
Sudha Raje
पेट में बच्चा नहीं बाबू
किसी का पाप है
???????
पर वो पगली क्या बताये
कौन इसका बाप है!!!!
रात को फुटपाथ
पर सोयी बिछाकर
वो ज़मीं
आसमां नोचे
गया किसको यहाँ
संताप है
???
चार दिन से कुछ
नहीं खाया जलेबी
लूट गयी
देह मैली किंतु औरत
का बदन अभिशाप है
कोई
भी उसका नहीं छूता कटोरा भीख
का
खा गये हैवान जिसकी
रूह तक हम आप है
कौन थे वो लोग जो इक
रात इसको छोङ गये
एक तो लङकी वो भी
पागलअभागिन शाप है
खूब चिल्लायी वो रोयी
कोई भी जागा नहीं
बस सुनी गयी रात
कई-कई
जोङियाँ पदचाप है
पेट लेकर घूमती थी
रोज पत्थर मारती
मर्द को देखे तो चीखे
साँपअल्ला साँप है
खूब हँसते हैं तमाशाई दुकानें
खोलकर
चीथङों पर रक्त
देखो तो कलेजा काँप है
प्यार से
दो रोटियाँ कपङा दिया तो रो पङी
दर्द है बोली बहिन जी
औऱ् बदन में ताप है
कल छप़ा अखबार में
बच्चा जना फुटपाथ पर
अब लिये हँसती है रोती
क़ल्मा है या जाप है
भेङियों की नस्ल के
वहशी हैं बस्ती में छुपे
कौन है अगला निशाना
खोजते नई माप है
आप नैतिकता की बातें
धूप में समझा रहे??
रात ने क्या डँस लिया
क्या इसका पश्ताचाप है
कौन पालेगा ये पागल
कोख का फल पाप का??
क्यों तुम्हारी संस्कृति में
जात मजहब खाँप है???
अब भी उस पर गीध वाली
घूरतीं नज़रें कई
कोई जो आता निकट
वो चीखती आलाप है
क्या समाजों की दुहाई??
सभ्यता इंसाफ क्या
हम जरा सा रो लिये बस
आप भी चुपचाप हैं
क्या कभी सोचा "हरामी"
शब्द का क्या अर्थ है??
क्या बनेगा ये बढ़ा होकर
कोई अनुमाप है??
कौन??? पूछेगा सुधा ये
कौन मजहब धर्म था???
उफ कि बस कैसे कहूँ
वो पापिनी निष्पाप है
©®¶©®
Sudha
Raje
Dta★Bjnr
Mar 5
Sunday 3 February 2019
कविता: :पर वो पगली क्या बताये, कौन इसका बाप है पागल मां, लापता बाप
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