बुँदेली गीत: निर्गुन निर्वाण, हमें वे सेंत मेंत बिसरा गए

हमें वे सेंत मेंत बिसरा गए
ऐसो भवन बना गये मोकों ,रंगमहल चिनवा गए
आप चले  परमारथ कोँ वे मोकों अरथ दिवा गए
सात खंड नौ द्वार अटा पे सिंहासन धरवा गए
हमें वे सेंत मेंत बिसरा गए
तलघर वारी प्रथम कुठरिया मढ़ी मढ़ा बनवा गए
नीर सरोवर उत्पल बापे हर मन्दिर पधरा गए
बासें ऊपर ध्यान मनन खौं नऔ बँगला बनवा गए
हमें वे सेंत मेंत बिसरा गए
ऐन करेजें बीत सुखन खौं पलका पिढ़ी बिछा गए
कंठ भरें ते गरल सुधा दोइ कलशन में धरवा गए
सात झरोखन वालो कोठा सबसें ऊपर छा गए
हमें बे सेंत मेंत बिसरा गए
सबरैं खौर कैं तरन तार में सहसन कमल बुवा गए
टीक शिखर पे वातायन सें चंदा सूर्य दिखा गए
तलघर से वे शिखर अटा लौं पैड़ीं सात चढ़ा गए
हमें बे सेंत मेंत बिसरा गए
कभऊँ तरैं तो कऊ कभऊँ ऊपरैं रईयो ठौर बता गए
कैसें जीव अकेलो रै है ,जो नईँ बे समझा गए
"सुधा"प्रेम के घर में गुईयाँ विरह ज्ञान भरवा गए
हमें बे सेंत मेंत बिसरा गए (बुन्देली गीत )©®सुधा राजे

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