लेख: :स्वदेशी होकर भी निभा सकते हो राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य

सैनिक कहता है ,,
मैं सीमा पर डटा हूँ ,नागरिको चीनी सामान को घर की सीमा में न घुसने देना ,

क्योंकि हम बताते हैं
चीनी सामान मतलब चीन का कूड़ा हड्डियों का चूरा और रिसायकल कचरा
••••••••••इस बार शुद्ध देसी हो जायें •••••••

चाईनीज बुद्धा ,विंडचाईम्स ,तीन टांग का मेंढक ,मेंडेरियन डक, पाकुआ मिरर, लाॅफिग बुद्धा, चाईनीज मोमबत्ती मोबाईल ,वंदनवारे ,
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वास्तुदोष बढ़ाते हैं ,
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क्योंकि चीनी कचरे कूड़े कबाड़े की रिसायकल से भीतर गारबेज भरकर बनते हैं ,
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आपको ज्योतिष टिप्स हम देते हैं ,
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घर में ,

हाथ से हल्दी सिंदूर घी गोरोचन के स्वस्तिक चिन्ह हर दीवार पर बीचों बीच बनायें आठों दिशाओं में और हर द्वार के दोनों तरफ ,
सबसे शक्तिशाली ऊर्जा चिह्न विश्व विज्ञान ने माना ,
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घर में तुलसी श्यामा और रामा लगायें ,
मौलश्री कचनार हरसिंगार बेलफल ,अशोक ,नीम आंवला लगायें ,
सजावटी पौधे नहीं लगायें ,बिना फूल बिना फल का पौधा न लगायें ,
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घर में कच्चे मिट्टी के पात्र में जल भर कर छत पर रखें छाया जहां देर तक रहे वहां और दूसरे मिट्टी के पात्र में कुछ अनाज प्रतिदिन सब सदस्यों के नाम से डालें ताकि पक्षी कोई प्यासा भूखा न गुजरे आपकी छत से ,
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जल गंगाजल भरकर घर में चांदी पीतल तांबा कांच स्टील किसी भी बर्तन में रखें परंतु प्लास्टिक और चीनी मिट्टी पोर्सलीन या बोनचाईना में ना रखें ,
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घर में गमले प्लास्टिक के नहीं कुम्हार के बने या सीमेंट के बने या पीतल तांबे लोहे के पात्र रखें ,
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घड़ी जो भी लें दीर्घायु लें समय शुभ रहेगा किंतु शीघ्र खराब होने वाली चीनी घड़ियां भूल से भी खेल तक में न लें ,
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बच्चों को ,लकड़ी कपड़े और देसी तकनीक के बने खिलौने दें कचरे की रिसाईकल के नहीं न प्लास्टिक न चाभी वाले न ही साॅफ्ट टैडी बीयर दें ,
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टब नहानेवाला या तो बनवा लें या फिर पीतल या मिट्टी की नाद लें रिसायकल चीजों का कूड़ा ,
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नकारात्मकता लाता है ,
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अतः घर में याद रखें मिट्टी और धातु ही पर जोर रहे ,
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मेकअप से यथा संभव बचें ,
हर तरह का फल एक सर्वोत्तम फेस पैक है ,
पपीता केला नारंगी नींबू मौसमी सेब संतरा अनार अनानास चीकू आडू कटहल आम अमरूद शरीफा ......लुगदी बनाकर पैक लगायें गुनगुने जल से धोयें और सौन्दर्य पाये बेदाग युवा त्वचा रहेगी आजमाकर देखें .......बाजारू सामान आलसी की पहचान ,
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हर तरह की देसी दाल एक उत्तम उबटन है ,,,,भिगोकर पीसें और मल लें सूखने पर छुड़ा लें ,,,,,,,,,
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दिया
से दीवाली ,
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वैक्स या पैराफीन दोनों ही गलत हैं ,
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इसलिये बिजली बचायें सोलर एनर्जी वाली लालटेन से और देश का पर्यावरण बचायें दीये जलाकर ,
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झालरों की जगह ,
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नौ पल्लव के वंदनवार लगायें ,,,
नवग्रह पूजन स्वमेव हो जायेगा ,,,,
कोई भीनौ प्रकार के पत्ते लाकर डोरी में गुच्छे बांधकर हर दरवाजे पर टांगे
नकारात्मकता समाप्त होगी ,
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कंदील खरीदें नहीं स्वयं बनायें ,,
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एक लकड़ी का फ्रेम बनाकर ,,,,,पतले तार से छींका वनाकर पत्तों से सजाकर बांस पर ऊँचा टांग दें ,,
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आकाश देव दीपक की रस्म इससे सुंदर हो ही नहीं सकती ,
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पत्तल पत्तेवाली लें और डिस्पोजेबल बरतन मिट्टीवाले लें ,,,
मिट्टी के बरतन आग में दुबारा जलाकर शुद्ध कर सकतीं हैं ,,
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विंडचाईम्स के स्थान पर बांस की बांसुरी और पीतल की चौरासी वाले नूपुर टांगे ,
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दर्पण ,
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शंख कौड़ियों वाला फ्रेम चुन सकतीं हैं और लकड़ी वाला भी ,
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कछुआ विष्णु कूर्मावतार की मिट्टी की स्वयं रचित प्रतिमा सबसे उत्तम है ,
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फिर चाहें तो तम्हेरे से तांबे का बनवा लें या कुम्हार से माटी का ,
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परंतु चायनीज कचरा न लें प्रतिमा के नाम पर ,

सिंदूर लेते समय पहचाने ,
हलका फूला फूला
पाऊडर चीनी होता है ,
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हर तीर्थ पर वही बिक रहा है ,
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देसी सिंदूर रोली भारी और चिपकता है ।
चीनी मोबाईल के बिना तो जी लोगे
परंतु
देश के भूगोल और सम्मान के बिना न जिया जायेगा ,
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राखी ,कलावा ,
देसी कच्चे सूत और जरी रुद्राक्ष मनका डोरी रेशम धागा ,मोती चंदन का टुकड़ा तुसलीमाला ,हल्दी की गांठ कौड़ी सीपी नूपुर ,मखमल ,सुनहरे कागज और कढ़ाईदार पेचवर्क से किसी भी बढ़िया डिजायन में सजाकर पहनायें बांधे ,
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क्योंकि मान्यता तो "पाट और कलावे की है "
किसी रंग या सजावट की नहीं ,
कीमती कपड़ों की कतरन से भी सुंदर राखी बनायी जा सकती है ।
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देश ही नहीं ईश की भी बात है ,
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बुद्ध आपके लिये सम्माननीय हैं परंतु भारत जिनके लिये सम्माननीय नहीं
उनका कुछ भी
आपकी लक्ष्मी जागृत
नहीं कर सकता ,
जयहिंद
सुप्रभात
सुधा राजे

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