व्यंग्य रचना- सुधा राजे

1. बेलन चिमटा फूँकनी सङसी चकला छाज।
स्त्री सेना के सुधा अस्त्र शस्त्र ले साज

अस्त्र शस्त्र ले साज
ज़माना बदलो गुईयाँ।
परकें अब ना हेर पराई तिरियाँ सईयाँ ।
सुधा बुआ की सीख
सुनो हो मुनियाँ बेटा ।
बुरी नीयत के काग हाँक धर बेलन चिमटा



2. सुधा टोटके चंद है नोट करें श्रीमान ।
एक्ट निर्भया से बचे बंधु आपकी जान ।
बंधु आपकी जान कंजके नित्य जिमाना ।
रोज जहाँ भी मिलें कुमारी शीश
झुकाना ।
कहें सुधा जिज्जी परनारी फंद खोट के ।
माता काकी ताई बुआ कह चंद टोटके ।



3. सुधा निर्भया एक्ट से डरे हुये बकलोल ।
अब दारू सँग छोकरी कहाँ मिलेगी बोल ।
कहाँ मिलेगी बोल पङा लेने का देना ।
जय माता जी कह के झुक गये बॉस के
नैना ।
कहें सुधा सच बात है नोट करो ये फैक्ट
पर नारी छूना नहीं कठिन निर्भया एक्ट।
©®Sudha Raje
511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
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bijnor
U.P.
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sudha.raje7@gmail.com
यह रचना पूर्णतः मौलिक है।

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