गीत

संसार है माया है भ्रम है लिख लिख के
बताया ना समझे ।
हम जान के भी अनजान बने
कितना समझाया ना समझे ।
जीवन है खिलौना साँसों का ।
साँसों की है डोरी और कहीं
चाभी से चलाता और कोई ।
यूँ नाच नचाया ना समझे ।
©® सुधा राज

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