स्त्री और समाज

Sudha Raje
किसी भी समाज का औसत चरित्र उसमें
रह रहे कमजोर गरीब अपाहिज और
कोमल बच्चों स्त्रियों अनाथों के
प्रति ।
सामाजिक सोच
व्यवहार
और इंसाफ पर बनता है।
भारत?????
में
एक शरीफ़ आदमी पत्नी को बेवज़ह
गंदी गाली दे देने पर कोई दोषी नहीं।
किसी को भी लङकियों पर चुटकुले
मुहावरे व्यंग्य और शारीरिक
टिप्पणी करने पर कोई
दोषी नहीं माना जाता है।
समाज में गहराई से बह रहा है
स्त्री विरोधी रक्त पिपासु चरित्र।
जहाँ शरीफ आदमी जब आदमी से नाराज
होता है तो उसकी माँ बेटी बहिन
को रेप करने की गंदी गाली आराम से
तकिया कलाम की तरह दे देता है ।
यानि ये उसकी भलमनसाहत है
कि ऐसा कहा वरन्
किया नहीं जबकि वह
ऐसा कर सकता है ।
जान से मारने की धमकी पर सजा है।
लेकिन
किसी की माँ बहिन बेटी का बलात्कार
कर डालने की धमकी देने
यानी गाली देने
पर भी वह शरीफ़ है।
क्योंकि तेरी माँ ---####दूँगा ।समाज
स्वीकृत है।
पति को तो पूरा अधिकार है ही वह
बीबी की माँ बहिन भाभी का शाब्दिक
शील हरण करता रहे । ये काम
हिंदी भाषी धर्मभीरू ज्यादा करते हैं
जो शरीफ हैं
Apr 20
·
पुलिस प्रशासन
राजनीति कानून
धर्म??????
सब दोषी हैं ।
लेकिन
जङें तो हैं
स्त्री को खाने पकाने
भोगने बेचने खरीदने
मारपीटकर सरेण्डर रखने
की सोच रखने वाले
समाज में।
क्या आप गाली देते हैं????
तो
आप मानसिक
व्यभिचारी मानसिक
रेपिस्ट हैं
गर्व करते हैं
पत्नी को गुलाम
बनाकर?
परायी बहिन माँ बेटी की आबरू लूटने
दुष्कर्म करने की धमकी ही है गाली?
बात बात पर किसी भी एक
स्त्री का अपराध
सारी स्त्री जाति की स्वाधीनता शिक्
कपङों पर मढ़ देते हैं क्या आप भी ?
मजाक
बनाकर??? गंदे चित्र चुटकुले
फिल्मों का शौक रखते
है????
तो
हर रेप में एक अंश
आपका भी है

क्या जब लङकियों का जन्मदिन आपके घर
में नहीँ मनाया जाता।
जब नंगे पोस्टर आपको शिकायत लिखने
को मजबूर नहीं करते।
जब एक अदद पत्नी के
अलावा बाकी लङकियों को बहिन
बेटी माँ समझने से हिचक जाते हैं आप।
जब आसपास हो रही घरेलू
हिंसा रोकना आपको फर्ज़ नहीं लगता।
तब
समाज में हो रहा हर बलात्कार ।
आप भी हैं परोक्ष भागीदार
Apr 20//

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