Wednesday 16 October 2013

ये हिंद स्त्रियों का भी हिंदोस्तान हो।

संविधान अब बदल
नया विहान हो
ये हिंद स्त्रियों का भी
हिंदोस्तान हो
जिस देश के नियम करें
विभेद न्याय में
क्या दुर्दशा कि
ऱिश्वतें हैं मान्य आय में
ये देश आधा जब न
दर्द का ग़ुलाम हो
ये हिंद औरतों का भी
हिंदोस्तान हो
जब तक हैं बेटियाँ
विवश कि, बोझ स्त्रियाँ
कानून व्यर्थ
व्यर्थ तंत्र व्यर्थ
व्यर्थ कुर्सियाँ
गणतंत्र का न
अर्थ
व्यर्थ तामझाम हो
ये हिंद बेटियों का भी
हिन्दोस्तान हो
कैसै रूकें ये
डोलियाँ दहेज में जलीं
कैसे बचें ये मेंहदियाँ
जो प्रेम में छलीं
नर वासना में
बच्चियाँ
ना क़त्ले आम हों
ये हिंद खबातीनों का
हिंदोस्तान हो
कैसा वतन कि देश
मातृभूमि सरज़मी?????
बेघर है लावतन है
दुख्तराते हिंदवी
रहने-उङान
भरने
ज़मी--आसमान हो
ये हिंद बच्चियों का भी
हिंदोस्तान हो
हो क्यों कतल ग़रीब
की बेटी की हसरतें
क्यों टुकङे टुकङे माँस
काटती ज़रूरतें
लाशें न पेट से गिरें
ये घर की शान हों
ये हिंद नारियों का भी
हिंदोस्तान हो
है ख़ौफ से क़फस में
जब तलक ये लङकियाँ
मज़बूर हैं बढने से
और पढने से बेटियाँ
तब तक फिजूल हैं
विकास के बखान हो
ये हिंद लङकियों का भी
हिंदोस्तान हो
हमने भी जान दी है मुक्त
देश के लिये
जौहर किये है
भूख सही
होंठ सी लिये
अब देश पे शहादतों
का इम्तिहान हो
जयहिंद
देश मेरा भी
हो
आनबान हो
आज़ादियाँ
गुलामियों से मिलके
खो गयीं
साज़िश है
मज़हबों की
या सरकार सो गयी
फिर से
नयी ये
जंगे आजादी
का गान हो
कहते हो जन्म भूमि
इसे मादरे वतन
जननी को गालियाँ

बेटियों को
बस कफ़न
??????
छीने है जीने के
हुकूक़
बेईमान हो
गायेंगे
वंदेमातरम् जय
जयदेशगान हो
©®¶©®¶
We want justice
AAdha Desh Humara Ho
©®SUDHA Raje
511/2, peetambara aasheesh
fatehnagar
sherkot- 246747
bijnor
mob - 7669489600
9756373114
emaul- sudha.raje7@gmail.com

सह रचना पूर्णतः मौलिक है
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sherkot- 246747
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यह रचना पूर्णतः मौलिक है

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