Tuesday 22 October 2013

मजदूरी ते इब थारी तकदीर बणैगी नेत्ताजी

Sudha Raje
Sudha Raje
मेहनतक़श की हिम्मत
हीS ज़ागीर
बनेगी नेता जी।
मज़दूरी ते इब थारी तक़दीर
बणेगीं नेता जी।
कामचोर कामी ज़नसेवक
नमकहरामी जो करता
कराधान से हम Uपिसते
वो पिश्ते खा साँसे भरता
तणें बाँधणें कूँ घर घर
ज़ंजीर
बणेंगी नेता जी।
ये किराये के गुंडे चमचे
जो तेरी जूठन पलते
हम किसान मज़दूर खनिक
कारीगरD है दीपक जलते
चिंगारी हर गली सङक
तदबीर बणेगी नेता जी।
मेरे नौनिहाल hपलते है हाथ
पाँव आरी लेकर
खून हमारा रँग लायेगा aघर घर
अगयारी देकर
नन्हें rहाथों की छैनी
शमशीर बणेगी नेता जी।
ये 'आधा संसार'
हमारा aलिये कुदाली सुई
धागे
उधङेंगे jबखिया के टाँके
घर झाङू चूल्हे जागे
रूखी सूखी eरोटी हलवे
खीर
बणेगी नेता जी।
चिकने हाथ घूस लेते
जो हाय लगे सब जल जाये
जो ग़रीब का हक़ मारे
बद्दुआ लगे सङ गल जाये
कीङे पङें गिरे बिजली दुख
तीर बणेगी नेता जी।
खून सना इसमें गरीब
का महक रहा शोषण
भारी
चिकने कौर तुम्हारे मुँह में
और भूखी है लाचारी।
सपना है सच लोकतंत्र
ताबीर बणेगी नेता जी।
त्याग
तुम्हारा नहीं आचरण जब
तुममें नेतृत्व नहीं
आते क्यों हो किस लालच
में जनसेवा है नृत्य नहीं
सत्य अहिंसा त्याग
धीरता वीर
जणेगी नेता जी।
कमा कमा sकर भरा पाप
का घङा एक दिन फूटेगा
तुमसे बङाu लुटेरा कोई
काल तुम्हें भी लूटेगा
लहू
बेबसी की dआँखों का नीर
बनेगी नेता जी।
"सुधा "उठो hतो एक बार
हुँकार कि aधरती गगन हिले
चलो हाथ से हाथ जोङ
जनता rजनार्दन हृदय खिले
गद्दारों aकी कब्र
जगी हुयी jभीङ
बनेगी eनेता जी
©®¶©®¶
Sudha Raje
Dta★

No comments:

Post a Comment