Monday 28 October 2013

ठहरो ये उत्तर प्रदेश

Sudha Raje
ठहरो!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
दिल दिमाग़ बीमार हृदय में कलह द्वंद्व
दुख भार क्लेश है ।
हरा भरा ऊपर कंबल है । भीतर भीतर
धब्बे फटा वेश है ।
ठहरो!!!!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
यहाँ प्रशासन की मनमानी ।
न्याय भरे नेता घर पानी।
मज़हबवाद जाति के दंगे।
आरक्षण की रार पुरानी।
शीश काट ले गये गढ़वाली ।
किकर्तव्य विमूढ़ लेश है ।
ठहरो!!!!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
यहाँ बेटियाँ घर घर मरतीं ।
पत्नी पर ठोकर हैं पङतीं।
जलती हैं अब तक दहेज में ।
बहुयें जो धन सेज न चढ़तीं ।
यहाँ रुपैया ही रिश्ता है ।
राजनीति ब्रह्मा महेश है ।
ठहरो!!!!!!
ये उत्तर प्रदेश है।
बच्चे है मजदूर भिखारी ।
युवा शराबी वृद्ध जुआरी।
औरत घर घर विवश सिसकती।
वृद्धावस्था बस लाचारी।
रिश्वत बिना जले ना मुरदा ।
प्रौढ़ भरा ज्यों ऊब तैश है ।
ठहरो!!!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
प्रतिभा कौशल की बे क़दरी ।
चालाकी को मखमल सदरी।
निष्ठा रौंदी जाती जी भर।
चुप ईमान, ,मिलावट बगरी।
नकल नकलची की जय जय है ।
ढोंगी पाखंडी प्रजेश हैं।
ठहरो ये उत्तर प्रदेश है ।
सिसक रही जमुना और गंगा।
रक्त कीच विष मिले कुढंगा ।
त्राहि त्राहि उजियार ना रोज़ी।
बङा लुटेरा साधु मलंगा।
दादा नेता भैया बाबा ।
चारों का ही राजवेश है ।
ठहरो!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
©सुधा राजे ।
©Sudha Raje
तंत्र मंत्र अपहरण लूट है।
चोरी धोखा श्वेत झूठ है।
गंडे पंडे ताबीजों की ।
एक बुलाओ पाँच छूट है।
भयादोहनी धंधा चंदा ।
जोऱ शोर मज़लिस है प्रेस है ।
ठहरो!!!!
ये उत्तर प्रदेश है ।
©सुधा राजे।
Apr 24

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