छोटा पत्रकार
क्या कर लेगा फोटो लेकर
कहाँ सभी छापते विचार है
काहे ऐंठ रहे हो भैया!!!!
ये तो छोटा पत्रकार है ।
जाने भी दो पत्रकार है ।
खोज रहा है खबर सनसनी
हत्या चोरी लूट रहज़नी
रोज कहाँ हीरोईन मॉडल!!
कहाँ सभी की कलम गुणधनी!!
इसकी खबर करें विश्लेषण
कहाँ छेङ कहँ बलत्कार है
जाने भी दो पत्रकार है
ये जो छोटा कलमकार है
संपादक ने वाट लगा दी
लंबी खबरें छाँट लगा दी
भेजीं दस छापी बस दो ही
बाकी कचरे आठ लगा दी
दुखद कर्ज से डिगरी लेकर
पढ़ा लिखा बेरोज़गार है
ये तो छोटा पत्रकार है
करता खेती बीमे ट्यूशन
एजेन्सी दुकान कन्फ्यूज़न
घर चलता है "भूत लेख "से
कविता कथा गीत इंट्यूजन
कहीँ ठसकते बीबी बापू
ऐंठे भैया लेक्चरार है
जाने भी दो पत्रकार है
प्रेस ब्रीफ में रौब
दिखाता
क्लबों कचहरी पब मँडराता
गाँव न जाता भूले से भी
थाने अस्पताल से नाता
पिये विधायक के घर इंगलिश
ढाबे में ठर्रा ख़ुमार है
ये तो छोटा पत्रकार है
फिरे पटाता हवलदार को
ठेकेदाऱ् को थानेदाऱ् को
मिले मामला बमचिक चटपट
नहीँ बताता भाई य़ाऱ को
बाईक /कार पर लिखा "प्रेस "है
पर दहेज में ये शुमार है
ये तो छोटा पत्रकार है
इंटर बी जे ग्रेजुएट है
परिजन सब ग्रामीण ठेठ हैँ
नसें दबी हैँ ज़ान माल डर
खुलें तो क्या नेता क्या सेठ है
रात रात भऱ नेट से झगङे
दिन में ट्रैफिक हवलदार है
ये तो छोटा पत्रकार है ।
जाने भी दो पत्रकार है ।
©®¶©®¶
Sudha Raje
विज्ञापन को कहे
प्रकाशक
जो भी लाये छपे धकाधक
ये चाहे गुमनाम बना दे
चाहे चेहरा करे चकाचक
हाफ सांसद फुल पर मंत्री
ओने कोने गाँव चार है ।
जाने भी दो!! पत्रकार है
ये तो छोटा पत्रकार है
ब्लैकमेल होता करता भी
ये जासूस है अभिकर्त्ता भी
छपने पर सौ नईँ तो पाँच सौ
खोज खबर खतरे डरता भी
विधि संविधि सरकार बाहुबल
दिखलाते नये नये प्रहार है
जाने भी दो पत्रकार है
©®¶©®¶
Sudha Raje
Dta/Bjnr
बाढ़ ज़लजला सूखा आता
दंगो में भी पौ बारह पाता
जिलाधीश आयुक्त अधीक्षक
जब ललचाते रूपिया नाता
सौ मरते पच्चीस बताओ
चुपके दिखला कुछ हजार है
जाने भी दो!!! पत्रकार है ।
इनमें भी कई -कई श्रेणी है ।
अभिनति राजनीति कथनी है
मर गये मरते नहीं बिके कुछ
कुछ की खोजें लहू सनी हैं
सत्यपंथ पर सबकुछ खोया
ऐसे भी कुछ बा-वक़ार है
ये तो छोटा पत्रकार है
जाने भी दो पत्रकार है ।
पेट है खाली चाय का भूखा
रूखी रोटी चावल रूखा
चौथा पाया लोकतंत्र का
पूँजी का हमला ना चूका
तंत्र मंत्र वर्गीकृत छपते
मुख्य पृष्ठ पर सिनेकार हैँ
जाने भी दो पत्रकार है ।
sorry
for
this
but I only mention
a Bitter position of
of
half side
जो अपनी आलोचना नही सह सकता वह
सत्य कैसे खोजेगा
5-2-2012
कहाँ सभी छापते विचार है
काहे ऐंठ रहे हो भैया!!!!
ये तो छोटा पत्रकार है ।
जाने भी दो पत्रकार है ।
खोज रहा है खबर सनसनी
हत्या चोरी लूट रहज़नी
रोज कहाँ हीरोईन मॉडल!!
कहाँ सभी की कलम गुणधनी!!
इसकी खबर करें विश्लेषण
कहाँ छेङ कहँ बलत्कार है
जाने भी दो पत्रकार है
ये जो छोटा कलमकार है
संपादक ने वाट लगा दी
लंबी खबरें छाँट लगा दी
भेजीं दस छापी बस दो ही
बाकी कचरे आठ लगा दी
दुखद कर्ज से डिगरी लेकर
पढ़ा लिखा बेरोज़गार है
ये तो छोटा पत्रकार है
करता खेती बीमे ट्यूशन
एजेन्सी दुकान कन्फ्यूज़न
घर चलता है "भूत लेख "से
कविता कथा गीत इंट्यूजन
कहीँ ठसकते बीबी बापू
ऐंठे भैया लेक्चरार है
जाने भी दो पत्रकार है
प्रेस ब्रीफ में रौब
दिखाता
क्लबों कचहरी पब मँडराता
गाँव न जाता भूले से भी
थाने अस्पताल से नाता
पिये विधायक के घर इंगलिश
ढाबे में ठर्रा ख़ुमार है
ये तो छोटा पत्रकार है
फिरे पटाता हवलदार को
ठेकेदाऱ् को थानेदाऱ् को
मिले मामला बमचिक चटपट
नहीँ बताता भाई य़ाऱ को
बाईक /कार पर लिखा "प्रेस "है
पर दहेज में ये शुमार है
ये तो छोटा पत्रकार है
इंटर बी जे ग्रेजुएट है
परिजन सब ग्रामीण ठेठ हैँ
नसें दबी हैँ ज़ान माल डर
खुलें तो क्या नेता क्या सेठ है
रात रात भऱ नेट से झगङे
दिन में ट्रैफिक हवलदार है
ये तो छोटा पत्रकार है ।
जाने भी दो पत्रकार है ।
©®¶©®¶
Sudha Raje
विज्ञापन को कहे
प्रकाशक
जो भी लाये छपे धकाधक
ये चाहे गुमनाम बना दे
चाहे चेहरा करे चकाचक
हाफ सांसद फुल पर मंत्री
ओने कोने गाँव चार है ।
जाने भी दो!! पत्रकार है
ये तो छोटा पत्रकार है
ब्लैकमेल होता करता भी
ये जासूस है अभिकर्त्ता भी
छपने पर सौ नईँ तो पाँच सौ
खोज खबर खतरे डरता भी
विधि संविधि सरकार बाहुबल
दिखलाते नये नये प्रहार है
जाने भी दो पत्रकार है
©®¶©®¶
Sudha Raje
Dta/Bjnr
बाढ़ ज़लजला सूखा आता
दंगो में भी पौ बारह पाता
जिलाधीश आयुक्त अधीक्षक
जब ललचाते रूपिया नाता
सौ मरते पच्चीस बताओ
चुपके दिखला कुछ हजार है
जाने भी दो!!! पत्रकार है ।
इनमें भी कई -कई श्रेणी है ।
अभिनति राजनीति कथनी है
मर गये मरते नहीं बिके कुछ
कुछ की खोजें लहू सनी हैं
सत्यपंथ पर सबकुछ खोया
ऐसे भी कुछ बा-वक़ार है
ये तो छोटा पत्रकार है
जाने भी दो पत्रकार है ।
पेट है खाली चाय का भूखा
रूखी रोटी चावल रूखा
चौथा पाया लोकतंत्र का
पूँजी का हमला ना चूका
तंत्र मंत्र वर्गीकृत छपते
मुख्य पृष्ठ पर सिनेकार हैँ
जाने भी दो पत्रकार है ।
sorry
for
this
but I only mention
a Bitter position of
of
half side
जो अपनी आलोचना नही सह सकता वह
सत्य कैसे खोजेगा
5-2-2012
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