Friday 1 November 2013

फागुन में सावन से समधी

Sudha Raje
फागुन सेँ मिलबे खौँ सावन होरी में
हुरिया गये
बिनई बुलायैँ समधी गुईयाँ भोर
भोर सेँ आ गयेँ
चमका रये बिजरी से
नैना गटा काढ़ जीउ खा रये
अर्रा रये पाँऊँ बगरा रये
बखरी कीच मचा मचा रये
चढ़ी करहिया पे गुजियन की काये
लार टपका रये
जीमो जीभर जाओ
खुशी ककरा मार बुला रये
ओरे लेकें गरजे ऊँचो रिशतौ बै
लजवा रये
लुअर दिखा रै जा करिया को
फागुन में डकरा रये
सुधा पाओने फागुन के घर सावन
ऊधम ढा रये
भोर भोर सेँ होरी खेलेँ सबरौ गाँओ
भिँजा रये
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Sudha Raje
Dta//Bjnr
Mar 25 ·

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