Friday 1 November 2013

खत तुम्हारे नाम

Sudha Raje
लिखे ख़ामोशियों ने ख़त तुम्हारे नाम पढ़
लेना ।
हमारी साँस की हरक़त की डूबी शाम पढ़
लेना ।
सुधा इक रोज़ हमने सिर
झुकाया था कहीं ऐसे
कि जैसे डूबता सूरज
कहीं गुमनाम पढ़ लेना ।
©®™सुधा राज

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