देशगीत: :::राष्ट्र के उत्थान में व्यवधान दे जो मार दो

Sudha Raje
Sudha Raje
Sudha Raje
राष्टर् के उत्थान में व्यवधान दे जो मार
दो
भून दो गोली से
या तलवार से संहार दो
देह प्रेमी, गेह प्रेमी हो न ग़र जो देश
प्रेमी
हिम मरुस्थल सिंधु भारत
से
उन्हें दुत्कार दो
तोड़ दो हर देश
द्रोही हाथ आँखें फोड़
दो
छीन लो गद्दी सदन
की अब विधायन मोड़
दो
जागता गणतंत्र है जनतंत्र के
अधिकार दो
भून दो गोली से
या तलवार से संहार दो
ओ रंगीले
नौजवानों जाग
जाओ ओ किसानों
क्रुद्ध जीवन युद्ध माँगे नींद
छोङो बागवानों
भ्रष्ट हो निकृष्ट
हो पकङो उन्हें धिक्कार
दो
भून दो गोली से
या तलवार से संहार
दो (c)
शत्रु सीमा पर खड़ा है राजनय में छल
बड़ा हैं राजनेता नाम धन आराम
के पीछे पड़ा है
चल पड़ा है अब पतन
की राह
सरकारी महक़मा
और केवल एक सैनिक प्राण देने चल पड़ा है
थरथरा जाये जगत्
वो गूँजती ललकार दो
भून
दो गोली से या तलवार
से
संहार दो "
भौंक दो संगीनें सीने में
जो व्यभिचारी मिलें
रौंद डालो ,पग तले
जो भी दुराचारी मिले
देश में परदेश
अभिकर्ता मिलें
तो काट
दो
व्यग्र सारा देश
खोजो शत्रु नर
नारी मिले
गूँजता जय हिन्द
इक कश्मीर अबकी बार
दो
भून दो गोली से या
तलवार से संहार दो(c)
SUDHA RAJE (ADV)
Dec 8, 2012

2))Sudha Raje
Sudha Raje©®
दुश्मन की ललकार मिटा दे
भुनगों की गुंजार मिटा दो।
तिनकों की दीवार मिटा दे ।
उठा उठा तूफान
बाजुओं
क़दमों से भूडोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द -
हिन्द की सेना की जय बोल । वन्दे
मातरम् बोल ।
उठो तिरंगा झुक ना जाये
उठो ये गंगा रुक ना जाये
उठो कि बच्चे चिंहुँक ना जाये । भून भून
दो कीट पतिंगे । तोपों के मुँह खोल
वन्दे मातरम् बोल वन्देमातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द हिन्द
की सेना की जय बोल ।
©®Sudha Raje
है कश्मीर
हमारी क्यारी काटो जो करते
ग़द्दारी। शौर्य देख ले दुनियाँ सारी।
सीमा पर दुश्मन की लाशें बिछा बदल
भूगोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द
हिन्द की सेना की जय बोल ।
सबसे पहले देश का नारा
जय विज्ञान किसान हमारा।
हर सीने पर लिखे तिरंगा हर जवान
अनमोल।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल वन्दे मातरम्
बोल ।
मानचित्र नयी सीमा खींचों दुश्मन के
लोहू से सींचों । नमक चुकाओ आँख न
मींचों मज़हब भाषा जात भूल
कर मिलो आज़ जी खोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल!!!
छोङो छोङो अब रंगीनी । दुश्मन ने
कमज़ोरी चीन्ही। है नापाक़ इरादे
ख़ूनी। संगीनों की नोंक पे रख दो ।
सबकी साज़िश तोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम बोल
वन्दे मातरम बोल
बोल बोल जय हिन्द!!!
हिन्द की सेना की जय बोल वन्दे मातरम्
बोल
Jai hind!!!!
Written by Sudha Raje
©®
सुधा राजे
Dta-Bjnr
जयभारत

Sudha Raje
सादर सस्नेह साभार जयहिंद
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