सुधा रसोई--"पंजीरी""।

पँजीरी /कषार
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भारतीय पूजा पाठ का अभिन्न अंग है "पँजीरी "जिसे कषार भी कहते है ।
इसकी मूल बात है "पाँच "

पाँच अन्न
पाँच मेवे
पंचामृत
पंच फल
पंच पत्र
पंच मिष्ठ

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गेंहू का दरदरा आटा
चावल का दरदरा आटा
चने का दरदरा बेसन
जौ का दरदरा आटा
सिंघाङे या मक्के का दरदरा आटा
बराबर मात्रा में लें

लगभग तीन सौ ग्राम प्रति अनाज का आटा ।

बूरा
चीनी
गुङ
मिश्री
खांड
प्रत्येक सौ सौ ग्राम ।

बादाम
काजू
खसखस
पिश्ते
मखाने
प्रत्येक पचास पचास ग्राम
सबको तवे पर हलका कुरकुरा होने तक घी से भून लें ।



गौ घृत सौ ग्राम
गौ दुग्ध सौ ग्राम
गौ दुग्ध का खोवा या मावा दो सौ ग्राम
गौ माखन नवनीत सौ ग्राम
गौ दुग्ध या ताजा दही सौ ग्राम



दो केले
दो सेब
दो अमरूद
दस सूखे अंजीर
दस सूखे छुहारे
सब अंदाज से मोटे या बारीक काट लें

काली मिर्च
हरी इलायची
चिरौंजी दाना
पीपरामूल
बबूल की गोंद पचास ग्राम
बाकी सब पाँच पाँच ग्राम

अब,, बङी भारी तले की कङाही में पचास ग्राम घी डालकर सब पाँचों आटे डालकर
धीमी आँच पर गहरा सुनहरा भूरा होकर सुगंध देने तक भून कर उतार लें ।

सारे पंच मेवा बारीक कतर लें चाहैं तो सरौता या कद्दूकस से कतर लें

भुने हुये पंचान्न चूर्ण में सब मेवे मिला दें ।
फिर घी गुङ(फोङकर)
चीनी खाँड बूरा मिश्री मिलादें

फिर माखन 'मावा (खोवा), दही दूध मसलकर मिला दें और अंत में काली मिर्च
हरी इलायची पीसकर और चिरौजी भूनकर मिला दें
पीपरामूल भी मिला दें दरदरा पीसकर

गोंद को घी में भूनकर मिलायें कूटकर ।

तुलसी के कतरे पत्ते डालें
और
अंत में सब पर कटे हुये फल रख कर प्रसाद लगाकर बाँटें ।

बहुत ही पौष्टिक नाश्ता है ।
बहुत दिन रखना हो तो कटे फल केले सेब अमरूद बस तीन चीजें न मिलायें ।

रोज एक कटोरी "पँजीरी के साथ गुनगुने दूध में किशमिश उबालकर पियें यह
बेहद बलवर्द्धक अनुभूत आहार है ।

हर आयु के लिये उत्तम नुस्खा ।
तो क्यों न लगे मेरे कान्हा को पँजीरी प्यारी!!!!
जय श्रीकृष्ण ।
©®सुधा राजे


और पंचान्न चूर्ण में यदि सोंठ घी गरम गुङ मिला दें ।तो लड्डू भी बना सकते हैं आप ।
याद रखें बहुत धीमी आँच पर धीरे धीरे धैर्य से निरंतर चलाकर भूने बनायें हर चीज
©®सुधा राजे


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Sudha Raje
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