सुधा राजे का संदेश -"" ईद के बहाने""।(प्रकाशनार्थ)

•••••••••ईद मुबारक़•••••••••
यूँ तो हर बात से सहमत नहीं हुआ
जा सकता, और न ही हर बात
को समय के लिहाज़ से
सही कहा जा सकता है! तमाम बातें
सगे भाई से भी नहीं हाँ में
हाँ कही जा सकतीं
फिर भी इस्लाम
की हमें बहुत सी जो चीज़ें
अच्छी लगतीं हैं उनमें से कुछ है "
"हर हाल में ज़ुमे की नमाज़ पर
पूरी कॉलोनी का मसज़िद जाना ।
पाँच समय नियम से नमाज़
अदा करना ।
अपनी आय में से पाँच दो से लेकर
प्रतिशत तक धन "ज़कात
"अदा करना ।
क़तार में एक सफ़े में दुआ करना ।
दुआ करते समय 'सब अपनों को दुआओं में
याद रखना और उनके लिये भी दुआ
करना जिन्होने दुआ करने
की इल्तिज़ा की है उस तालिबे दुआ के
लिये भी दुआ करना ।
किसी भी धर्म के
व्यक्ति को "इसलाम अपनाने
को प्रेरित करना ।और
किसी का भी मुसलिम हो जाना संभव

जमातें
जिनमें समूह बनाकर दस से साठ तक के
लोग नगर नगर गाँव गाँव घर घर
जाकर ""एकता और दीन
की शिक्षा से सबको जोङे रखते हैं ।
इन ज़मातों के लङकों के लिये हर
परिवार में बारी बारी से भोजन
की व्यवस्था ।
जल के स्नान के अभाव में भी ''वुज़ु
"करके ही इबादत कहीं भी बस ट्रेन
सङक पर कर लेने की सहूलियत ।
ईदग़ाह पर पूरे नगर की सामूहिक
नमाज एक ही जगह होना
अज़नबी के भी ज़नाजे में शामिल
होना और ज़नाजे की नमाज पढ़ना ।
लङकियों के घर रिश्ते का पैग़ाम
भेजा जाना ।
स्त्री के लिये खर्चाएपानदान
हर बच्चे को घर या मदरसे में 'कुरान
पढ़ने के लिये अरबी उर्दू सिखाने
की कम से कम व्यय पर अनिवार्य
व्यवस्था ।
बेवाओं और अनाथों के लिये मसजिदों से
जकात की नियमित व्यवस्था ।
एक साथ रोज़ा नियत बाँधकर
रखना और एक समय पर 'इफ़्तार करके
खोलना।
भोजन बाँटना भोजन कराना औऱ
भोजन को सम्मान देना भोजन
को गिरने न देना, औऱ उन
घऱों को भोजन भेजना जिनके लिये
इफ़्तार सहरी कठिन है।
तो आज
अपनी सब मुसलिम सखियों बंधुओं भाई
बहिनों को "ईद की शुभकामनायें '
हमें भी याद रखें दुआओं में सेहत और अमन
के लिये '
भारतीय और भारत मिलकर रहें
शांति और खुशहाली के साथ आमेन
©®सुधा राजे


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Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
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