सुधा राजे का लेख -- प्रजानामचा

प्रजानामचा
""""""""""""
जहाँ मुँह किया सङक प्लेटफार्म
चिङियाघर हवामहल जंतरमंतर
ताजमहल कुतुबमीनार चारमीनार
हजरतगंज चिल्काझील
विक्टोरिया टर्मिनल गेटवे ऑफ
इंटिया गूजरीमहल """"""पिच्च
"""पिच्च """
बेशऊर बदतमीज
असभ्य """"""
और क्या!!!!!!!
शहर की ओर मुँह टाँग बढ़ाये क्यों चले
आते हो?
जब तमीज नही लच्छिन नही शऊर
नही सलीका नहीं गुणढंग मैनर्स
नहीं!!!!!!!!
शहर में रहने का मुँह है तुम जैसों का?
अरे लगातार कितना ही विकास कर
लो ।
चकाचक सङके बढ़िया प्लेटफार्म
शानदार मेट्रो और भव्य पार्क,
किंतु
इन सबके अरीब करीब आने
को भी तमीज चाहिये ।
घर में मशीने ठूँसने से सभ्यता आती है
क्या??
जहाँ मन किया थूक दिया
जहाँ मन किया पेशाब करने खङे
हो गये ।
जहाँ मन किया खाया पिया प्लेट
दोना बोतल पत्तल फेंक दी!!!!!!
कहीं भी जोर जोर की आवाज में
बतियाने गरियाने और अट्टहास करने
लगे,, कहीं जहाँ जी चाहा मोबाईल
पर फुल वाल्यूम में तेज भद्दे गीत
सुनाने लगे!!!!!
जाओ जाओ जंगलों में ही वापस लौट
जाओ ।
ये नगर तुम्हारे लिये
नहीं """विकसित और सभ्य लोगो के
लिये बने है इनको सङाओ मत गंदा मत
करो ।
कहीं भी हॉर्न बजाना शुरू
कहीं भी ओवरटेक
कहीं भी साईड कटबाजी
कहीं भी बिजली चोरी टैक्सचोरी ""रचनाओं
की चोरी ""आईडियाज
की चोरी!!!!!!!!
कहीं भी कचरा फैला दिया!!!
कहीं भी वाटरबॉडी गंदी कर
डाली ।कही भी शोर मचाने लगे!!!
किसी से भी भङक कर झगङने लगे ।
????
कब घर के टीवी फ्रिज एसी ओवन
लैपटॉप बाईक कार के साथ """खुद
को समय के लिहाज और हिसाब से अप
टू डेट ""करोगे??
विकसित सभ्य और सुसंकृत नगरों के
लिये उतने ही अनुशासित सभ्य और
सहिष्णु नागरिक भी तो चाहिये।
""सभ्य ""साफ प्रशासन के लिये
""आत्मसंयमी सभ्य नागरिक
भी तो चाहिये।
जब तक हम इसमे लिप्त रहेंगे तब तक
राजनेताओं, नौकरशाहों आदि आदि के
भ्रष्टाचार की बात करने का भी हक
नहीं बनता।
बच्चे ""कहा हुआ नहीं ""किया हुआ सीखते
है '।
©®सुधा राजे

Comments