सुधा राजे का एक संदेश---""परमात्मा के लिए जमीन""।

मसज़िद कहीं दिख ही नहीं रही है!!
ज़मीन एक के बाद तीन मालिकों ने
बेच दी!!
निजी मकान में कोई पूजा करता है
कोई इबादत ।
फिर जब वह जिसको जमीन बेच
देता वह उसको इस्तेमाल करता है ।
अब हिंदू अगर अपना घर ईसाई
को बेचेगा तो वहाँ बाईबिल
पढ़ी जायेगी और ईसाई अपना घर
मुसलिम को बेच देगा तो वहाँ नमाज़

फिर वही जमीन सिख
खरीदेगा तो गुरुग्रंथ का पाठ
होगा ।
लेकिन
जो चीज एक कंकङ पत्थर मिट्टी चूने
से बनती है वह तो ""नाशवान है न???
ये नाशवान जो हैं वे चीजें
पूजना ही ""
"बुत परस्ती है ""
अरब
देशो में ।
अब तक हज़ारों मस्ज़िदें
और कब्रें विकास कार्यों के लिये
'बाधक होने पर हटा दीं गयीं ।
क्योंकि
मक्का मदीना के अलावा
बाकी सब मसजिदें केवल एक """जगह
का प्रबंध हैं जहाँ कि सहूलियत से सब
इकट्ठे होकर इबादत कर सकें ।
तसवीर तक खिंचवाकर रखना
बुतपरस्ती है ।
फ़ानी दुनियाँ की हर चीज़ फ़ानी है

मुसलिम राष्ट्र घोषित तमाम
देशों में खुद "मुसलिम ''हाथों ने तमाम
मस्ज़िदें युद्ध में ढहा दीं ।आज नाम
निशान तक नहीं!!!!!
हिंदू ""निशानियाँ पूजते हैं इसलिये
क़ाफिर कहे जाते हैं "
क्योंकि ये हर चीज पूजने लग जाते है
जो इनको डराती या भली लगती है

मसज़िदों का विस्तार "इसलामिक
साम्राज्यवाद का ही एक नमूना है ।
इसलाम के मूलभूत सिद्धांतों से
इसका कुछ भी लेना देना नहीं है ।
हिंदू सिख जैन बौद्ध
निशानियाँ पूजने वाले बुत परस्त लोग
है भले ही किंतु
सार तत्व
इनका भी यही है कि ''मर्त्यलोक
का सब कुछ नाशवान है
तो ""आत्मा ''में
ही परमात्मा का वास है और देह
ही परमात्मा का मंदिर है ।
गुरुग्रंथ साहिब को गुरू घोषित करने
के पीछे ही मंतव्य यही था
कि "अब ये ज्ञान अक्षर शब्द संदेश
ही गुरु हैं "
व्यक्ति पूजा बंद ।इसके प्रकाश में
सत्पथ को समझो और शिष्य(सिख)
समझो खुद को य़े सीख जिसने
सीखी वही ''सिख ''
समान एक रूप दिखने के लिये पंच
ककार धारण किये रहो ।
कैसी बिडंबना है!!!
एक वहाँ खरीदी हुयी जमीन पर
गुरूद्वारा बनाना चाहता है ।
दूसरा
वहाँ बेच कर पाकिस्तान चले गये
परिवार की घरेलू मसजिद गिराने
का दावा करके दो सौ गज
भूमि छीनकर वहाँ ''मसज़िद "
बनाना चाहता है ।
क्या
विद्रूपता है
दोनों ही वहाँ
परमात्मा को पुकारने की जगह
बनाना चाहते हैं ।
इसी बात पर मौतें आगज़नी दुकाने
जलाना बसे कारें ठेले बाईक साईकिलें
जलाना
रेलजाम
रोडजाम
मारपीट
पत्थरबाजी
स्कूल बंद
अस्पताल बंद
कर्फ्यू लगा
लोग घरों में बंद
वाह वाह वाह
रे
इंसान
तेरी वहशियाना फितरत
©®सुधा राज

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Sudha Raje
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Fatehnagar
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