Saturday 8 July 2017

धरती का ऋण कुछ तो हों उऋण - आज का वृक्ष, सहजन

धरती का ऋण कुछ तो हों उऋण
<<<<<<<सुधा राजे *>>>>
वर्षोत्सव मनायें ,चलो कुछ फलदार वृक्ष लगायें
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आज का वृक्ष,
सहजन
सुरोंजना
सुहांजन
मुनगा
शेवगा
सिंगड़
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मुनगा या सहजन दो तीन प्रकार का होता है ।दक्षिण भारतीय प्रकार का मुनगा बारहों महीने फलियां देता रहता है ।जबकि उत्तर मध्यभारतीय मुनगा वर्ष में एक बार ग्रीष्म से लेकर पावस तक फलियां देता है ।यह बहुत जल्दी लगने पनपने और बहुत जल्दी ही फलियाँ देने लगता है ।गृहवाटिका चबूतरे पिछवाड़े और बड़े गमले में भी कुछ प्रजातियाँ लगायीं जा सकतीं हैं । मुनगा के फूलों की पकौड़ियाँ कोफ्ते सब्जी साँभरदाल दहीबड़े और सैंडविचेज बनते हैं ।सहजन की फली की सब्जी को मुर्गा मछली मांस की तुलना में शाकाहारियों के लिये विकल्प माना जाता है और उसी विधि से बनायी खायी जाती है ।हम सब तो मुनगे की फलियां चूसकर ढेर लगाते तो सब चिढ़ाते
""जे धरे देखो घास फूस के हाड़ चौँख केँ ""
मुनगा 300से अधिक बीमारियों का समापन करता है ऐसा आयुरवेदाचार्य मानते हैं ।सबसे अधिक पौष्टिक शाकाहार में मुनगा सबसे पहले आता है । यौनदौर्बल्य सहित अनेक कमजोरियों का निदान मुनगा के फूल और फलियों के सेवन से होता है । इसका पेड़ पाँच से पच्चीस फीस तक लंबा घना छायादार हो जाता है ।फूल के समय पत्तियां नगण्य रह जाती हैं और फलियाँ एक से तीन फीट तक लंबी हो सकती हैं ।

बीज को लगाने से पहले रात भर पानी में डाल कर भिगो ले,
अब भिगोए हुए बीज फली को बीच से फाड़ दे
और इसका छिलका निकाल दे |
अब एक 18×12 का प्लास्टिक में 3 भाग मिट्टी और 1 भाग बालू के मिश्रण वाले मिट्टी से भर दे,
अब इसमें 2-3 cm गड्डा कर के 2-3 बीज को लगाए |
अब इस मिट्टी में नमी बनाए रखे |
5-12 दिन में बिज अंकुरित हो कर पौधा निकल आएगा,
जब पौधा 60-90 cm का हो जाए तो इसे अपने खेतो में लगाए |
अगर आप नर्सिंग नहीं करना चाहते है
तो आप 10 cm मोटी वाले डाल 45 cm से 1.5 m लम्बे डाल को सीधा लगा कर पेड़ तैयार कर सकते है |
एक बागवान
लाखों रुपये सहजन की खेती से कमा सकता है ।

इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।
पशुओं के चारे के रूप में उपयोगी
चारे के रूप में इसकी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में डेढ़ गुना और वजन में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि की रिपोर्ट है। कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी) में सहजन फायेदमंद होता है।

एक एकड़ खेत में सहजन के 250 ग्राम बीज की जरूरत होती है,लाइन से लाइन की दूरी 12 फिट और प्लांट से प्लांट की दूरी 7 फिट रखी जाती है, एक एकड़ खेत में 518 पौधे लगाए जाते हैं |
अप्रैल महीने में बुवाई के बाद सितम्बर महीने में फलियां बाजार में बिकनी शुरू हो जाती हैं। "
गर्मी के मौसम में 10 रुपए किलो और सर्दियों के मौसम में 40 रुपए किलो के हिसाब से बिकती हैं। बारिश के मौसम को छोड़कर सहजन के पेड़ में दो बार फलियां लगती हैं और एक बार सहजन लगाने के बाद 4 साल तक लगातार पैदावार होती है। एक पौधे में लगभग 20 किलो तक सहजन की फलियां लगती हैं।

ज्योति -1नामक प्रजाति बहुत फलियां देती है

दमा टीबी कैंसर और हड्डियों के दर्द ,रूसी बाल और त्वचा के अनेक रोग सहजन से दूर होते हैं

बंगाल का एक मुनगा बिलासपुर में रेलवे के इलाके से कई जगह शहर में खूब लोक प्रिय हो रहा है। पांच फीट की डाल काट खेत मे फसल के बाद या इन दिनों गड़ा देते है। बारिश में उसकी जड़ और पीके निकल आते है। फरवरी मे फलियां आ जाती हैं।

यह कलम से भी लगता है और बहुत जल्दी हर तरह के तापमान में कामयाब हो जाता है ।

मुनगे की पत्तियां देह पर से त्वचा रोग खत्म करती है खेत पर से कीट पतंगे



तो चलें न केवल अपने अपितु अन्य सबके लिये भी लगायें मुनगा ,सहजन ,
सादर निवेदन अनुरोॆध सहित
©®सुधा राजे

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