Tuesday 18 June 2013

मेरे पापा।

मेरी ज़िद हर बार किये पूरी वो मेरे
पापा ।
जिनके लिये व्यर्थ सीमायें
दूरी वो मेरे पापा ।
डर? जिनके आते डर जाते नटनागर मेरे
पापा ।
धीरज जिनके आगे नीरज वो सागर मेरे
पापा ।
सबसे पहले घर में जागे वो चिङिया मेरे
पापा ।
बुनते गये स्वप्न बिन माँगे
वो घङियाँ मेरे पापा।
बिना कहे चेहरे से पढ़ ली भूख प्यास
वो जादूगर ।
मेरे ग़म में रोये खुशी में नैना भर मेरे
पापा ।
पहली गाङी पहला घोङा शिक्षक
भी मेरे पापा ।
सखी सहेली आया सेवक रक्षक
भी मेरे पापा ।
सुधा सवेरा शाम रात दिन
सरदी गरमी पावस भी ।
धूप चाँदनी पूनम दीवालीमावस
मेरे पापा ।
मिलन बिछोङे आँगन
गलियाँ पापा सपनों की गलियाँ ।
आँसू में मुस्कान खुशी
की कलियाँ भी मेरे पापा ।
I love you Papa!!!!!!
©®Sudha Raje

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