सुधा राजे :-गूंगे रुदन , जंगली गीत ,SUDHA RAJE :- Wild song, dreamy fly ; drenched verses , mute cry
Wednesday, 23 April 2014
रही बेइन्तिहां नफरत
रही बेइन्तिहां नफरत उसीसे औऱ् अदावत
भी ',
मगर वो दोस्त जो सबसे अलग
सा था कि याद आए ',
अभी तक हैं ज़ेहन में उसकी ''बातें और
तक़रीरे ',
तकाज़े भी ग़ुनाहों के कि कोई भूल
क्या जाये ',
©®सुधा राज
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