दोस्तों ने संभाला मुझे

जब कभी मेरे अपनों ने धोके दिये
अजनबी दोस्तों ने सँभाला मुझे
दर्द की झोपङी थे पलक पाँवङे
जब ख़ुशी ने महल से निकाला मुझे
©®सुधा राजे

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