टोंचने: :दहेज

दहेज
किसी फटीचर
का भी अधिकार
बन
चुका हो जिस धर्म में
जिसमें
लङकी योग्य सुशील
चरित्रवान
होने पर भी जाहिल गँवार
पिता आधा पागल भाई
मजदूर गरीब
जीजा जीजी
नाटा पतला बदसूरत मामा
न गुण न सभ्यता न संस्कार
काली
कलूटी कुनबे की औरतें
जिनके न औकात न अकल
न सकल न संस्कार संस्कृति का ज्ञान
टटोल खोद कुरेद
एक एक वस्तु का दाम आँके
और
कोंचे
नव वधू को
क्या क्या मिला
बस पहला और आखिरी सवाल
लङकी वाले
सिर झुकाये
????
केवल
लङकी
वाला होने से कुछ
जादा पैसों के लिये
लङकी के पास दूर के
रिश्तेदार
भाई पिता फूफा बुआ
को अपमानित करें
???????
वो भी पूरे गाँव
मेहमानों नौकरों के सामने
वो
हिंदू धर्म है
कोई
बोलो क्या ये धरम
अपनाने लायक है
क्या
ये परंपरा मिटा पाओगे
क्या
ये कोढ़ नहीं
?????????
कोई धरम बताओ
ऐसा जिसमें ये दुष्ट परंपरायें
ना हो
मैं नास्तिक हूँ तब तक
Feb 1 at

Comments

Popular Posts