लेख~:सुधा रसोई, मलाई से घी
सुधारसोई
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मलाई जलाकर घी मत बनायें ...
कम दूध से घी बनाने का घरेलू तरीका ,दूध गरम करें कम से कम तीन उबाल आने पर खौलने लगे तब उतारकर ठंडा होने को स्टील की जाली या बारीक मलमल से ढँक दें ,ठंडा होने पर फ्रिज में रखें ,आठ घंटे बाद मलाई को चम्मच से सावधानी से निकालकर मोटी तली वाले मिट्टी या स्टील के बर्तन में ,दही में मिलाकर रख दें ,इसमें मट्ठा या छाछ या टारट्रिक एसिड से भी जामन का काम लिया जा सकता है ,इसी तरह लगातार सात दिन रखते रहे हर दिन की मलाई उसी दही वाले बर्तन में ,जब पर्याप्त मात्रा में एकत्र हो जाये ,तब मिक्सी के पारदर्शी वाले पल्सर जार में बरफीला ठंडा पानी डालकर चलाते जायें ,बार बार पानी बरफीला ठंडा डालकर चलायें,या फिर क्रीम अंडा आदि फेंटने वाले मथने वाले यंत्र भी प्रयोग में ला सकते हैं ...बीस से तीस मिनट तक बार बार ऊपर आयी मोटी परत निकालते जायें यही नवनीत है ,देसी माखन ,अब इसे चाहें तो ऐसा ही रोटी चावल ब्रेड परांठों पर लगाकर खायें खिलायें चाहें तो ,भारी तली की कड़ाही में धीमी आँच पर पकने दें ,कुछ ही देर में दहीदूध वाली नमी उड़कर शुद्ध देसी घी रह जायेगा इसे ठंडा करके स्टील या काँच पीतल किसी भी बर्तन में रखें ।गाय का दूध होने पर पीला और भैंस का दूध होने पर सफेद घी प्राप्त होगा ,गंध और स्वाद दोनों में सबसे उत्तम ©®सुधा राजे
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