Wednesday 24 April 2013

सौन्दर्य का मायाजाल बनाम् बल - बुद्धि ।

सुंदरता पर दिनरात
पुरूषों ने
इतना लिखा इतना बोला
इतनी मूर्तियाँ बनायीं कि
औरत
के सामने एक
प्रतिद्वंदी काल्पनिक औरत गढकर
खङी कर दी गयी
जो कि पुरुष की कल्पना थी
भारतीय नारी
औसत ठिगने कद की
मोटी जाँघें
पृथुल पेट वाली
और छोटी उंगलियों वाली
काली साँवली और अधिक हुआ
तो देशी गेंहूँ की रंगत वाली
अक्सर औरते
पूरी जिंदगी की जी तोङ केयर के
बाद भी बेजान रूखे दोमुँहे कमर से
ऊपर तक ही बाल बढा पाती हैं
नाक मोटी
होंठ भी मोटे और प्रायः दाँत
भी पीले और बेतरतीब
अमूमन
ये आम हिंदुस्तानी औरत है
नजर पसारो
चारो तरफ
गढवाल
और पहाङ पर पीली रंगत
पंजाब में गोरी लेकिन मोटी
दक्षिण और बंगाल मे
काला साँवला
मगर
गोरी हैं कलाईंयाँ
गोरी तेरा गाँव बङा प्यारा
गोरे मुखङा
के
लाखों करोङो गीत
और
रिजेक्टेड काली लङकियाँ
एक
मिथक
सौंदर्य को बॉलीवुड ने हसरत
बना दिया
जबकि
अधिकांश
अभिनेत्रियां काली सांवली और
गेंहुआ
रही
संक्रमित नस्ल से गोरे परिवार
आये मगर
करोङों में मात्र कुछ हजार
सीता द्रोपदी पार्वती साँवली
और
राजकुमारियों के पालन पोषण
की तुलना आम स्त्री से कैसे
की जा सकती है
नतीजा
एक नकली सौंदर्य बना
काजल लाली गाजा सुरमा
मिस्सी
और मेंहदी महावर आलता
जेवर कपङे पाउडर
क्रीम उबटन
आज
लगभग
पचास से ज्यादा उप साधन
एक शहरी स्त्री के टेबल पर
जरूरी हैं
गाँव में भी गोरेपन की क्रीम और
लिप्सटिक पाउडर अनिवार्य
हो चुकी है
एक रिपोर्टर तक बिना मेकअप के
स्क्रीन पर आना नही चाहती
ये
फल
है
उस मिथक का
सुंदर होना स्त्री होने की शर्त
बन गया
ये
भोगवाद
की
देन है कि सुदरता खोते ही स्त्री
आत्मविश्वास भी खो देती है
सङक छाप कङके को भी
कैटरीना
सी बीबी
चाहिये
जो उसकी चप्पल
तक
नही खरीद सकता
आप हमे नही जानते
वरना ऐसी बात सोचते भी नही
सुधाराजे के अलावा कोई
इतना जहर लिख भी नही सकता
और अभी ये अंगुल का पत्थर
भी नही कविता नही
बस भभकता सच है
और कविताये लगभग एक हजार हम
लिख चुके है
जो मंच पर टर्रायें वे
ही कवि नही होते
हमारी
नकल हम रोज पकङते है और
गरियाते ह
जिनका भगवान भी काला
देवी भी काली
उस देश में सबसे ज्यादा
गोरी गोरी बीबी की तमन्ना!!!!!!
गोरे रंग पर गीत!!!!
गोरे पन की क्रीम!!!
सौ उपाय करके फोटो में गोरी आये
बस्स
ये हालत!!!!!
हद है
मानसिक शोषण की
अफ्रीका में कोई नही मरता
ओह आप गलत
दिशा मेजा रही होबिना सुंदरता
भीलेडी डॉक्टरहो या टीचरलङका
आता हैऔर।हमेशा सादगी से
रहनेवाली बेटी को बापमाँ भी डप
कर कुछ ढंगका पहनो पोतो कह देते
हैमेरे पास कई केस ऐसे
आयेजिसमेपति अपनी बेहदमामूली श
देकरकमसिन सुंदर लङकी केचक्कर में
हुआतब क्या करेंगुण किसको दिखते
हैं???????!शादी बचानी है तो ॆघर
सेजादाचमङी चमकानीपङती हैइतने
परभी तो ये हाल
हैशादीशुदा लोग कितनेआलतू
फालतूभटकते हैब्यूटीजैसे प्यार
की गारंटी हैकोई किसीआम
लङकी के इश्ककी बाते करता है
क्याप्यार चाहिये???
तो सुंदररहो?????जागो ये
चमङी के ग्राहकमनमीत
नहीकुछनिजी उपलब्धियाँ भी बटो
की तारीफ नही
मलिन
मजदूर मजबूत
सावली का सौंदर्य
ही असली देश
किसी को हकली नही चाहिये
किसी को नाटी नही चाहिये
किसी को भेंगी नही चाहिये
जिसको देखो मॉडल चाहिये!!!!!!
और हो क्या रहा है
लङकियाँ लेबोरेटरी लायब्रेरी की
ब्यूटी पार्लर में फेसपैक पोते
पङी है
वैक्सिंग और स्किन पॉलिश पर
हजारो उङा रही है
लेकिन रोज बादाम दूध
नही खा पी सकती
इस पुरूष को जो चाहिये
वो तेरा प्यार है या
मांस ये सोचे
बिना गालो बालो होठो कू
तारीफ पर बेहोश
सारी तरक्की ठप्प
किचिन
बेड
और
शीशा बस??!!!!
जिस किसी साहित्य
को उठा लो नारी के विरह में
रोता नर प्रेमी दिख रहा है
लेकिन
जरा रुको सांवलियो कलूटियो मुट
और उदंत भारतीय बालाओं
क्षमा माफी मगर ये विरह गीत
तुम्हारे लिये नही हैं कोई चाँद
की याद में कोई
राधा की शीरी की महजबी की क
में किसी गुलाबी कँवल और गुलबदन
की याद में चुपचाप हट जाओ इन
मजनुओं के रास्तो से जाओ पढो कोई
आविषकार करो मजबूती से
पैसा कमाना और जमाने को ठोकर
लगाना सीख
सही कहा लेकिन अभी इंटरव्यू लेने
निकलूँ
तो किसी को मरदानी बीबी नही
और जहाँ रखती हो तुम पाँव पर
ख्बाव सजाये बैठे मिलेगे
जिसकी चूङी का नाप
जितना छोटा वो उतना पास
शादी में मार्केट में आके माँ बाप
भी चीखने लगते हैं और हिंद
की बेटी आज भी विवाह के आगे
बेबस है इब जो भी हो कोमल
कली ही सबकी पहली पसंद है
जो जागी है वो आफत और व्यंग्य
की शिकार है
©®सुधा राजे
7/1/13

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