Friday 26 November 2021

जंगली हैं हम दिल से गँवार

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धरतीमाँ का ऋणकुछ तो हों उऋण 
-------------------------------------:सुधा राजे 
पावसोत्सव मनायें ,कुछ फलदार वृक्ष लगायें 
.............आज का वृक्ष 
बेर 
पेंदू बेर 
झरबेरी 
बदर 
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बेर का पेड़ कँटीला होता है और घनी झाड़ी दार गुँथी हुयी टहनियाँ होने से बेर तोड़ते समय हाथ में कांटे छिल जाते हैं । एक बार चंबल क्षेत्र के बरई पनिहार करई पाटई आरोन घाटीगांव में रहने घूमने का अवसर मिला तो पठारी मुरम पाटौर वाले गरम क्षेत्र में बाल्यकाल में हम सब गोष्ठ मनाने यानि पिकनिक पर जब जाते तो सबसे अधिक आकर्षण होते बेर ,चाहे वे पेंदू पबंदी एपल बेर हों या झरबेरी के या सादा देशी खटमिट्ठे बेर । 
बेर को अधपका पूरा पका और सुखाकर तथा उबालकर और पीसकर चूरन यानि बिरचन के तौर पर भी खाया जाता है । बेर के प्रमुख व्यंजनों में शरबत हलवा मुरब्बा अचार और जैम जैली मार्मेड आदि हैं । टाॅफी में भी बेर काम आता है । बेर बकरी ऊँट भेड़ आदि के लिये पसंदीदा पत्ती चारा है । बेर की लकड़ी बहुत मजबूत हल्की और बहुत समय तक चलने वाली होती है इसलिये बेंट और हत्थे तथा चारपाईयों किवाड़ों में भी लगती है । बेर का झाड़ खेत के लिये बाड़ रोक का काम करता है और बाऊण्ड्री की सुरक्षा भी । बेर पूरे भारत में हिमालय के अलावा कहीं भी लग सकता है जल्दी लगता है और कम देखरेख में पनप जाता है ।बेर के एपल बेर पबंदी बेर तो बहुत लाभ की खेती हैं यह संकरनस्ल है । पबंदी बेर मीठा बड़ा हरा सा और बहुत गूदेदार होता है । झरबेरी की झाड़ी होती है जबकि सादा बेर देसी स्वाद में सबसे बढ़िया और सुखाने पर पौष्टिक मेवा होता है । विटामिन बी सी का बहुत बढ़िया स्रोत है बेर । आयुर्वेद में इसके गुण सेब से अधिक माने गये हैं ।
नोट_:***
एपल बेर हाइब्रिड फलों का पौधा है

विटामिन सी, कैल्सियम, खनिज लवण और फॉस्फोरस जैसे तत्वों से फल भरा होने के कारण  बेहद लाभदायक।

बुवाई के बाद तेज वृद्धि तथा 6 माह में फल शुरू 
परन्तु पौधा छोटा होने के कारण यह फसल नहीं लेनी चाहिए।
एक पेड़ पर पहले साल 20 से 25 किलो उत्पादन
एक साल के बाद एक पेड़ 50 से 100 किलो फल देता है।
एक फल 50 से 125 ग्राम का
ये बेर खाने में सेब दिखने में भी सेब जैसे हैं।
इसमें कॉंटे नहीं लगते
फल बड़े तुड़ाई आसान व सस्ती
 लगभग 50 साल तक आमदनी लम्बी उम्र  कीमत परम्परागत बेर से ज्यादा मार्च व अक्टुबर में दो बार फूल  एक साल में दो बार फसल 

सेब में जितने न्यूट्रीशंस और एंटिऑक्सीडेंट होते हैं लगभग उतने ही गुणकारी तत्व एपल बेर में मौजूद हैं। 

तो चलो बेर कहीं भारत से मिट न जायें जहां भी जगह मिलें लगाये । बड़े गमले में भी बेर लग जाता है । न केवल स्वयं बल्कि औरों के लिये भी बेर लगायें यह शबरी का बेर है विदुर का भी । सादर निवेदन सहित ,
©®सुधा राजे

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