पत्र

1 लय अनिल की भोर वात पर 
  प्रेम पत्र लिखकर धीरे से 

  सौम्य चन्द्रिका को दे बोली 
   उसके कक्ष वक्ष धर देना 
  पत्रावलि पर अश्रु बिंदु  
  से मिटे हुए कुछ अक्षर भी हैं 
   जो शब्दों में लिख ना पाई
   प्रिय इनको तुम ही पढ़ लेना 
   प्रिय इनका भी उत्तर देना

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