गीत~:हाँ मैं तेरी एक रचना हूँ सरल रस वेदना
1 hour ago ·
हाँssssssमैं तेरी प्रेम
रचना हूँ ssss
करुन रस वेदनाsssssssss
तूsssssss जिसे रच भूल
बैठा ssss
गा रही मम प्रेरना sss
कल्पना मैं अर्चना हूँ देव
तेरी वंदना
तू sss सृजन कर त्याग बैठा
वो तेरी संवेदना
sssssssss
तंतु तेरे और मेरे बीच केवल
प्रेम का
मन तरंगित वीण तंत्रित
गीत मंत्रित छेम का
टूटती तंद्रा न क्यों
तन मन तपोवन हेम का
ssss
तर्षना उत्कर्षना तव
दर्शना अभ्यर्थना
2-नंदिनी दुख
बंदिनी नंदीश मेरे ईश तुम
नागरी रस
आगरी रंभा रमा
जगदीश तुम
दारिका परिचारिका सलिला
मेरे वारीश तुम
निर्जलीकृत
हो रही मरुथल तेरे मज्जन
बिना sss
पीर पाले मौन ढाले बह
रही दुख सह रही
कह
रही पीड़ा त्रिपथगा
मृत्यु दारुण गह रही
लुप्त हो संतप्त होती तप्त
प्रेमिल याचना
हाँ मैं तेरी प्रेम रचना
हूँ करुन रस वेदना
तू जिसे रच भूल
बैठा गा रही मम
प्रेरना (c) SudhaRaje
Comments
Post a Comment