स्त्री और समाज
Sudha Raje
पुरूष और मर्द ये दोनों शब्द पौरूष और
मरदानग़ी
ध्वनित करते हैं ।
जिसका ख़ास अर्थ है ।
स्त्री और स्त्रीत्व
जब औरत जनाना
ये ध्वनि करते हैं तो एक खास अर्थ में ।
और
किसी को जनाना कहीं का
कह दो तो गाली हो जाती है ।
नारी होना गाली है तब
फिर भाषा विज्ञान में जङे खोजें
तो सारे
पदार्थ तक स्त्री पुरूष में बाँट दिये गये
।
सब कमज़ोर वस्तुयें
जनानी और मजबूत मरदानी ।
मजबूत औरत तक मरदानी
औरत मरदानी किसी पुरूष को सह्य
नहीं ।
लेकिन मरदाने कपङे
स्त्री पहनती रही और
जब पुरूष ने नारीवेश धरा तब अपमानित
हुआ या हँसी का पात्र बना ।
या तो स्वार्थ से या छल से
ही नारी वेश
रखा ।
ईश्वर जो किसी ने नहीं देखा पुरूष
घोषित कर दिया गया ।
परंतु तब औरतें सिर पटक कर जमीन पर
दबाकर डाल दी गयीं थी ये
सोचना कहाँ मुमकिन रहा कि षडयंत्र
सदियों से सदियों तक चलेगा????
Apr 23
·
आज जो स्त्रियाँ सत्ता में हैं ।
उनका युग नहीं है अब भी ।असह्य हैं वे
अब
भी जितनी निंदा विऱोध
घिनौना चित्रण चरित्र हनन और
अश्लील टिप्पणियाँ योग्य स्त्री शासक
पर सिर्फ विरोध के लिये के लिये
विरोध
मात्र से की जा रही उनकी बनिस्बत
महाघिनौने गुंडे
खूनी बलात्कारी घोटालेबाज
चरित्रहीन साबित हो चुके लेकिन
षडयंत्र से बचे या नहीं पकड़े गये पुरूष
नेताओं का नहीं होता ।
ये ही ध्वनित है समाज
का स्त्री हंता रूप ।
और
ऐसे
लोगों का चिङचिङाना कुङना
स्वाभावि
है ।
क्योंकि
कुतर्क
और हठ
के दम पर वे अपनी सङी गली सोच
को उजागर करते हैं ।
अब तक गुलाम औरत अगर सिर उठाकर
शांति से अपना हक़ भी ले ले तो तत्काल
भयानक विषैले नाग की तरह फुँफकारते हैं
।
दिल्ली में रेप????
शीला ने नहीं
हर बार पुरूष ने किये ।
ये पुरूष सदियों से सङ
रही पुरूषवादी कुसोच में पले बढ़े पशु हैं ।
य़ही रेप पुरूष शासकों वाले प्रांतों में
भी हो रहे हैं खुद मंत्री तक आरोपी हैं ।
लेकिन
वहाँ ये सब
शासक निशाने पर नहीं है ।
Apr 25
C
पुरूष और मर्द ये दोनों शब्द पौरूष और
मरदानग़ी
ध्वनित करते हैं ।
जिसका ख़ास अर्थ है ।
स्त्री और स्त्रीत्व
जब औरत जनाना
ये ध्वनि करते हैं तो एक खास अर्थ में ।
और
किसी को जनाना कहीं का
कह दो तो गाली हो जाती है ।
नारी होना गाली है तब
फिर भाषा विज्ञान में जङे खोजें
तो सारे
पदार्थ तक स्त्री पुरूष में बाँट दिये गये
।
सब कमज़ोर वस्तुयें
जनानी और मजबूत मरदानी ।
मजबूत औरत तक मरदानी
औरत मरदानी किसी पुरूष को सह्य
नहीं ।
लेकिन मरदाने कपङे
स्त्री पहनती रही और
जब पुरूष ने नारीवेश धरा तब अपमानित
हुआ या हँसी का पात्र बना ।
या तो स्वार्थ से या छल से
ही नारी वेश
रखा ।
ईश्वर जो किसी ने नहीं देखा पुरूष
घोषित कर दिया गया ।
परंतु तब औरतें सिर पटक कर जमीन पर
दबाकर डाल दी गयीं थी ये
सोचना कहाँ मुमकिन रहा कि षडयंत्र
सदियों से सदियों तक चलेगा????
Apr 23
·
आज जो स्त्रियाँ सत्ता में हैं ।
उनका युग नहीं है अब भी ।असह्य हैं वे
अब
भी जितनी निंदा विऱोध
घिनौना चित्रण चरित्र हनन और
अश्लील टिप्पणियाँ योग्य स्त्री शासक
पर सिर्फ विरोध के लिये के लिये
विरोध
मात्र से की जा रही उनकी बनिस्बत
महाघिनौने गुंडे
खूनी बलात्कारी घोटालेबाज
चरित्रहीन साबित हो चुके लेकिन
षडयंत्र से बचे या नहीं पकड़े गये पुरूष
नेताओं का नहीं होता ।
ये ही ध्वनित है समाज
का स्त्री हंता रूप ।
और
ऐसे
लोगों का चिङचिङाना कुङना
स्वाभावि
है ।
क्योंकि
कुतर्क
और हठ
के दम पर वे अपनी सङी गली सोच
को उजागर करते हैं ।
अब तक गुलाम औरत अगर सिर उठाकर
शांति से अपना हक़ भी ले ले तो तत्काल
भयानक विषैले नाग की तरह फुँफकारते हैं
।
दिल्ली में रेप????
शीला ने नहीं
हर बार पुरूष ने किये ।
ये पुरूष सदियों से सङ
रही पुरूषवादी कुसोच में पले बढ़े पशु हैं ।
य़ही रेप पुरूष शासकों वाले प्रांतों में
भी हो रहे हैं खुद मंत्री तक आरोपी हैं ।
लेकिन
वहाँ ये सब
शासक निशाने पर नहीं है ।
Apr 25
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