कविता

2012
Sudha Raje
Dec 12, 2012 ·
Sudha Raje
झोपड़ी का इक दिया हूँ
जल रहा हूँ मैं अकेला
जब लिखो इतिहास
मुझको याद रखना
मैं अँधेरों सेअकेला लड़
रहा हूँ
मैं तिमिर के वक्छ पर
बैठा हुआ हूँ
सूर्र्य के पथ की तरफ मैं बढ़
रहा
जब ढहे विश्वास
मुझको याद रखना
मैं अकेला आत्म बल से चढ़
रहा हूँ
(c)Sudha. Raje

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