गीत: मेरी बेटी ये नगर छोड़ के जाना होगा, तेरा अपना वो नया घर जो बनाना होगा

मैं सँवारूँगी, सजाऊँगी, निखारूँगी तुझे,
दिल के गोशे से हर इक सिम्त निहारूँगी तुझे ',
तू बङी होके सितारों के सफ़र पर होगी
पाँव मजबूत रहें अपनी डगर पर होगी ',
मेरे हर ख़्वाब को ताबीर में लाना होगा ',
मेरी बेटी तुझे घर छोङ के जाना होगा ',
ये तो तय है कि तेरा घर वो ठिकाना होगा ।
©®सुधा राजे

Comments

Popular Posts