Thursday 11 April 2019

लोकगीत~::हुरियारो

Sudha Raje
सैरे ठनगन तोय भुला दऊँगो
मैं ऐसो हुरियारो गोरी
मैं ऐसो हुरियारो गोरी
मैं ऐसो मतवारो गोरी
मैं मतवारो गोरी
तोय प्रेम की भंग
पिला दऊँगो मैं
ऐसो रसवारो गोरी
तोरी अँखियाँ बङी नशीली रे
मोय चढ़ गयी आज हठीली रे
तेरी छैल छबीली सूरतिया
अलबेली नार नवेली रे
तोय फागण थार बनाय दऊँगी मैं
ऐसी रँगवारी छोरी
मैं ऐसी रँगवारी छोरी
मैं ऐसी रंगवारी छोरी
मैं नैना कजरारी गोरी
मैं कजरारी गोरी
तोय घोर के रंग बनाय
दऊँगी
चूनर पचरँग
वारी मोरी
©®¶©®
Sudha Raje
Dta/
तोय मैँ छेङूगौ गली गली
तोय मैं टेरूँगो कली लली
तोपे गुलाल मैँ डारूँगो
और लुक छिप तोय निहारूँगो
सीटी पै नाच नचा दऊँगौ
मैं ऐसो गवनारो गोरी
तोय थाने बंद करा दऊँगी
लोगिनियन सौँ पिटवा दऊँगी
तू जेल की चक्की पीसेगो
खीसे सें रूपिया हीँचैगो
मेरी गुईयाँ थानेदारिन है
और भौजी पटवारी मोरी
©®¶©®¶
Sudha Raje
Dta/
Mar
20 ·

No comments:

Post a Comment