Tuesday 18 June 2013

ये हिंद बेटियों का भीहिन्दोस्तान हो

Sudha Raje
संविधान अब बदल
नया विहान हो
ये हिंद स्त्रियों का भी
हिंदोस्तान हो
जिस देश के नियम करें
विभेद न्याय में
क्या दुर्दशा कि
ऱिश्वतें हैं मान्य आय में
ये देश आधा जब न
दर्द का ग़ुलाम हो
ये हिंद औरतों का भी
हिंदोस्तान हो
जब तक हैं बेटियाँ
विवश कि, बोझ स्त्रियाँ
कानून व्यर्थ
व्यर्थ तंत्र व्यर्थ
व्यर्थ कुर्सियाँ
गणतंत्र का न
अर्थ
व्यर्थ तामझाम हो
ये हिंद बेटियों का भी
हिन्दोस्तान हो
कैसै रूकें ये
डोलियाँ दहेज में जलीं
कैसे बचें ये मेंहदियाँ
जो प्रेम में छलीं
नर वासना में
बच्चियाँ
ना क़त्ले आम हों
ये हिंद खबातीनों का
हिंदोस्तान हो
कैसा वतन कि देश
मातृभूमि सरज़मी?????
बेघर है लावतन है
दुख्तराते हिंदवी
रहने-उङान
भरने
ज़मी--आसमान हो
ये हिंद बच्चियों का भी
हिंदोस्तान हो
हो क्यों कतल ग़रीब
की बेटी की हसरतें
क्यों टुकङे टुकङे माँस
काटती ज़रूरतें
लाशें न पेट से गिरें
ये घर की शान हों
ये हिंद नारियों का भी
हिंदोस्तान हो
है ख़ौफ से क़फस में
जब तलक ये लङकियाँ
मज़बूर हैं बढने से
और पढने से बेटियाँ
तब तक फिजूल हैं
विकास के बखान हो
ये हिंद लङकियों का भी
हिंदोस्तान हो
हमने भी जान दी है मुक्त
देश के लिये
जौहर किये है
भूख सही
होंठ सी लिये
अब देश पे शहादतों
का इम्तिहान हो
जयहिंद
देश मेरा भी
हो
आनबान हो
आज़ादियाँ
गुलामियों से मिलके
खो गयीं
साज़िश है
मज़हबों की
या सरकार सो गयी
फिर से
नयी ये
जंगे आजादी
का गान हो
कहते हो जन्म भूमि
इसे मादरे वतन
जननी को गालियाँ

बेटियों को
बस कफ़न
??????
छीने है जीने के
हुकूक़
बेईमान हो
गायेंगे
वंदेमातरम् जय
जयदेशगान हो
©®¶©®¶
We want justice
AAdha Desh Hunara Ho

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