Tuesday 18 June 2013

देखा ही नहीं

Sudha Raje
Sudha Raje
जी भर के जिसे
देखा ही नहीं
हम ऐसे प्यार पे रोये
हैं
इनक़ार नहीं इक़रार नहीं
दिल के इज़हार पे रोये हैं

इक़ तर्ज़े तमन्ना की शम्माँ
इस दिल में जली आतश
बनकर
इक फर्ज़े मक़ैयद मोहलिक़
दिल
गम -नौश मुहाज़िर दम
नाज़िर
★दीवार नहीं दैयार
नहीं हम क़ौलो क़रार पे
रोये हैं
जी भर के जिसे
देखा ही नहीं
हम ऐसे प्यार पे रोये हैं
★वो शख्से -शराफ़त
नादीदा
मैं मर्ज़े मुकद्दस ख़्वाबीदा
ना वस्ले हरम ना हिज़्रे
क़रम
वो ख़िज्रो -
बहारां हदी सदा
*★आसार नहीं अहज़ार
नहीं
इश्क़े -अहरार पे रोये हैं
★ज़ी भर के जिसे
देखा हि नहीं
हम ऐसे प्यार पे रोये हैं
अनजान मुसाफ़िर रस्ते में
इक दर्द
का रिश्ता सा क़ायम
अहलामे मुहब्बत थे तो मगर
अहसासे अदब
भी था दाईम
आज़ार नहीं
अज़्कार नहीं अपने इख़्त्यार
पे रोये हैं
ज़ी भर के जिसे
देखा ही नहीं हम ऐसे प्यार
पे रोये है
©®¶©®
Sudha
Raje
Feb 14

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