Tuesday 11 June 2013

बिन पइसा सब सून।

देर सवेर आपको यह मानना ही पङता है
कि आप जो जो हुनर रखते हैं उनमें सबसे
कीमती वही हुनर है जिससे आप जीवन
यापन हेतु धन कमा पाते हैं ।।।
कालांतर जब आपके लिये अभिभावक धन
देना बंद कर देते हैं तो वही एक मात्र
हुनर ही सबसे आगे चलता है जिसने धन
दिया हो ।।
अब ।।
देश महान है या नहीं उसने
क्या किया या नहीं ।
व्यक्ति की तरह यही बात लागू है कि ।
देश पर व्यय के लिये धन????? कौन दे????
कैसे बने सङके?
पुल
अस्पताल
बिजलीघर
बाँध
नहरे
छात्रावास
रेलें
मेट्रो ट्रेन्ज
बसें
जहाज
वायुयान
सीमा पर बाङ खाई दीवार सुरक्षा।
प्लान्टेशन
बाग बगीचे पार्क स्टेडियम
हर जरूरत के सार्वजिक सुविधा गृह
आपात्कालीन सेवाये
एंबुलेंस
फायर बिग्रेड
राहत कार्य
बाढ़ भूकंप आग
सूखा महामारी आतंकवादी हादसा दुर्घट
बचाव
जीवनरक्षक टीम सेना पुलिस डॉक्टर ।
अनाज
पानी
दवा
कपङा
शेल्टर
सुरक्षा
शिक्षा ।
सब चाहिये सब
सबके लिये धन चाहिये । ढेर सारा धन
।।
ये धन खुद कमा कर खुद खाने को जिन्हें कम
पङा रहता है । वे नहीं जुटा सकते ।
अपना पेट भऱना तो सूअर और कॉक्क्रौच
भी कर लेता है ।
पूरे देश के लिये सङकें पुल बाग रेल
अस्पताल
नहीं बना सकता ।
जो खुद राहत कार्य का आटा चावल
सरकारी कम मूल्य का राशन कैरोसीन
लेता हो ।जातिगत मज़हबगत
वज़ीफा पाता हो ।सरकारी सेवायें मुफ्त
प्राप्त करता हो ।
वह तो अर्थ व्यवस्था पर घर के विकलांग
गैर दुधारू पशु की तरह बोझ ही रहता है

ये पैसा संग्रहीत कमाई है उन
लोगों की जो टैक्स अदा करते हैं ।
सरकार को लेवी देते है।
राहत बचाव और सेवाओं को चंदा दान और
अनुदान देते है।
जलने कुढ़ने से क्या होगा??
सबमें समान योग्यता नहीं होती।
एक ही कोर्स एक ही कक्षा के सब बच्चे
एक सी बुद्धि नहीं रखते ।
दुनियाँ ट्रेनिंग से नहीं बदलती।
गॉड गिफ्टेड लोग बदलते हैं जो अनोखे
होते हैं
बाकी सब कार बस सङक मोबाईल यूज
करते है । बना नहीं सकते।
जो अविष्कारक नहीं है वह सिर्फ
उपभोक्ता है।
विचार
विज्ञान की जननी है ।जब नया विचार
आये तो नया अविष्कार भी होगा।
जो विचारक और अविष्कारक को शीर्ष
पर रखते हैं वे देश आगे होते हैं ।
दान लेने वाला हमेशा छोटा रह्ेगा ।
किसी मिल का संचालन सङक किनारे पङे
मजदूर के हाथ में सौंपकर ।
मिलप्रबंधन किसी नितांत अनजानी जगह
चला जाये तो कुछ साल बाद वह
वहाँ भी नया कारोबार बना लेगा।
लेकिन
मजदूर मिल को बरबाद करके
भिखारी बन चुके होंगे।
दान का जिगरा।
पूँजी का प्रबंध
समग्र कल्याण
और
धन कमाना सबके बस की बात नहीं।
रूपये का अवमूल्यन गवाह है।
आपको बेटे बेटी के लिये
नौकरी चाहिये???
नौकरी मतलब मोटी पगार
भी तो चाहिये!!!!
भई बिना तनख़्वाह के तो ना डॉक्टर
इलाज करे न मास्टर पढ़ाये ।
ऊँची तन्ख्वाह ऊँची नौकरी????
यही तो सारी योग्यताओं का फल ।
इस तनख्वाह से करना क्या क्या है???
एक कार एक कंप्यूटर एक बंगला और ढेर
सारे बरतन फरनीचर गहने कपङे मशीने
सजावट खाने की सर्वोत्तम चीजें रूप रंग
की सज़ावट और घूमना फिरना सैर
सपाटा मौज
मस्ती पार्टी सार्टी बीयर डिनर ।।।
और भगवान के लिये परसाद जो खुद
खाना है ।
बच्चे स्पाउस और उनके सब खर्चे ।
तो??????
देश या समाज कहाँ शामिल है आपके सपने
में???
आपको देश से शिकायत है बढ़िया जॉब
नहीं मिली ।
आपको समाज से शिकायत है हर जगह
आपकी आजादी में दखलंदाजी करता है ।
आपको घर की रखवाली चाहिये???
मुहल्ले में साफ सफाई???
शहर में अमन चाहिये???
आपके लिये दफ्तर
सङक बसअड्डा रेलवे स्टेशन सार्वजनिक
शौचालय बैंक बीमा स्कूल कॉलेज
युनिवर्सिटी पुलिस सेना डॉक्टर
अस्पताल फायर बिग्रेड बिजली गैस
इंटरनेट
सब हो जो जब जहाँ जरूरत हो???
लेकिन ये बनाये जो वह जो जो नियम
लागू करे वो आप नहीं मानेंगे?????!
क्योंकि आप आज़ाद देश के आज़ाद नागरिक
हैं ।
किसी भी जगह गाङी खङी करना
कहीं भी मुँह उठाके के गुटखा पान थूक
देना ।
कहीं भी मल मूत्र विसर्जन
कहीं भी खाया पिया रैपर छिलके फेक
देना ।
कहीं भी तेज आवाज़ में मोबाईल पर
या म्यूजिक सिस्टम पर
गाना बजाना नाचना ।
कहीं भी लाऊडस्पीकर पर अजाने जगराते
अखंड रामायण और सतसंग और
शादियों का शोर मचाना ।।
कहीं भी
नल खुला छोङ देना ।
बिजली पंखे टीवी चलता छोङ देना ।
कहीं भी जोर जोर से हॉर्न बजाना ।
गाली देना ।
बहस करना ।
दीवारों पर पोस्टर चिपकाना
नारे प्रचार कुप्रचार लिख देना ।
किसी भी बात पर बस प्रशासन
को कोसना ।
अपने काम की तेजी के लिये लाईन
तोङना रिश्वत की पेशकश डोनेशन
का लालच आरक्ष्ण का लाल झूठे प्रमाण
पत्र बनवाकर छूट प्राप्त करना ।
कौन है आप???
ये नौकरियाँ कौन दे???
कहाँ से आयें आपको तनख्वाह देने के लिये
पैसे???
क्या जो कार्यभार आपको सौंपा गया है
वह ईमान से करते हो??
आठ घंटे ड्यूटी यही कर्तव्य है ।।
तो जिस किसी ने ड्यूटी ऑवर्स में कुछ
भी कोताही की है वह कौन हुआ??
हरामख़ोर
जो गाली आप घर के चिनाई मजदूर
या कामवाली बाई को देते हो । जब वह
बीच बीच में रोटी खा ये बीङी पी ले
या सुस्ताये या धीमी रफ्तार से काम करे
तो नीम मिर्च नींबू सब लगता है???
आप ड्यूटी ऑवर में कितनी बार
निजी कॉल करते हो?
सिगरेट गुटखा या ड्रिंक लेते हो???
दोस्तों और कलीग से गप्पियाते हो??
क्या रफ्तार है ।आपके उन
कार्यों की जो आपकी ड्यूटी हैं । आप
जो भी हों जिस ज़रिये से भी धन कमाते
हों क्या सही सेवा दे रहे हैं??
क्या जो सेवा सुविधा मिल रही है उसके
ज़ायज लाभार्थी हैं??
क्या जो जो कर्तव्य़ है वो पूरे किये?
कोई अवैध नाज़ायज लाभ
तो नहीं उठा रहे ।??
कहीं आप ऐसा कर रहे हैं तो नमकहराम
हरामखोर और देशद्रोही ये लफ्ज़ अब किस
के लिये होने चाहिये सोचना ।
©®¶©®¶
Sudha Raje

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