ओ बेटियों।
Sudha Raje
यातनागृह मात्र हों
जो बेटियों!!!!!!
वे घर
जला दो
सिर्फ औरत के शिकारी
गीध
बालो-पर
जला दो
जो ""बिकाऊ माल ""होकर
सर उठा आदेश दे
सोचती हो क्या जलाये
जो
हिना
वो वर जला दो
हाथ
वो तोङो जो नारी केश
खींचें वो जुबां
माँ बहिन की दे
जो गाली नर
हो या किन्नर
जला दो
एक तरफा या दुतरफा प्रेम
हो या आशिकी
जो भयादोहन करे तेज़ाब
से
वो सर
जला दो
पाँव वो घुटनों से
तोङो
ठोकरें औरत को दे
कोख पर थूके
जो आवारा वो
अहले ज़र
जला दो
फोङ दो वो आँख
जो अपनी ही बेटी पर उठे
चीर जो खींचे
ससुर हो जेठ
या देवर जला दो
जो लिखेंअश्लील छापें
भोग्या औरत नगन
पोस्टर अखबार फिल्में औऱ्
सिनेमाघर जला दो
ये जलाना कई तरह
का हो कि दिल से तख्त
तक
बिलबिला उठ्ठे ज़माना
दर्द के जेवर जला दो
तोङ दो दीवार ये घूँघट
नक़ाबें चिलमनें
अब मशीनें थाम लो
ये सुई बटन स्वेटर जला दो
छीन लो आधा गगन
आधी धरा संसद औ हक़्क
फाङ दो झूठी किताबें
खौफ़ के खंज़र जला दो
ज़िस्म का बाज़ार
लगता हो जहाँ बेबस बिके
अपहरण करके
खङीं वो कोठियाँ परिसर
जला दो
छेङखानी से डरी दारूल
उलुम की जो गली
पीट कर काला करो मुँह
फूल और पत्थर जला दो
जात मज़हब खाँप वोटों पर
सियासत गर्म हो
लङकियों पर भद्दे फिकरे
वो सभी दफ़्तर जला दो
बेटियो!! हमने शहादत
दी तुम्हारे वास्ते
अब
सुधा "काँधा दे मुझको
ये
क़फ़न अह्मर Red जला दो
©®¶¶©
Sudha Raje
Dta †Bjnr
Mar 10
· Like
यातनागृह मात्र हों
जो बेटियों!!!!!!
वे घर
जला दो
सिर्फ औरत के शिकारी
गीध
बालो-पर
जला दो
जो ""बिकाऊ माल ""होकर
सर उठा आदेश दे
सोचती हो क्या जलाये
जो
हिना
वो वर जला दो
हाथ
वो तोङो जो नारी केश
खींचें वो जुबां
माँ बहिन की दे
जो गाली नर
हो या किन्नर
जला दो
एक तरफा या दुतरफा प्रेम
हो या आशिकी
जो भयादोहन करे तेज़ाब
से
वो सर
जला दो
पाँव वो घुटनों से
तोङो
ठोकरें औरत को दे
कोख पर थूके
जो आवारा वो
अहले ज़र
जला दो
फोङ दो वो आँख
जो अपनी ही बेटी पर उठे
चीर जो खींचे
ससुर हो जेठ
या देवर जला दो
जो लिखेंअश्लील छापें
भोग्या औरत नगन
पोस्टर अखबार फिल्में औऱ्
सिनेमाघर जला दो
ये जलाना कई तरह
का हो कि दिल से तख्त
तक
बिलबिला उठ्ठे ज़माना
दर्द के जेवर जला दो
तोङ दो दीवार ये घूँघट
नक़ाबें चिलमनें
अब मशीनें थाम लो
ये सुई बटन स्वेटर जला दो
छीन लो आधा गगन
आधी धरा संसद औ हक़्क
फाङ दो झूठी किताबें
खौफ़ के खंज़र जला दो
ज़िस्म का बाज़ार
लगता हो जहाँ बेबस बिके
अपहरण करके
खङीं वो कोठियाँ परिसर
जला दो
छेङखानी से डरी दारूल
उलुम की जो गली
पीट कर काला करो मुँह
फूल और पत्थर जला दो
जात मज़हब खाँप वोटों पर
सियासत गर्म हो
लङकियों पर भद्दे फिकरे
वो सभी दफ़्तर जला दो
बेटियो!! हमने शहादत
दी तुम्हारे वास्ते
अब
सुधा "काँधा दे मुझको
ये
क़फ़न अह्मर Red जला दो
©®¶¶©
Sudha Raje
Dta †Bjnr
Mar 10
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To love
ReplyDeleteTo love
without conditions, circumstances or situations
To love
regardless the state or form ...
To love without conditions
No requirements or imposition...
To love
without places or facts
without necessary or essential things...
To love without conditions
To love the ones whithout conditions...
To love without conditions always and anyway
without waiting
without waiting the sufficient conditions to love
and the right opportunity ...
Because too often "there are no conditions!" ...
To love without conditions, unconditionally and entirely