Wednesday 23 July 2014

सुधा राजे की कविता- परिवर्तन।

ताङ पत्र की हरितपुस्तिका अमल
ज्योत्स्ना के नर्तन ',बाँच रही हूँ पीर
तुम्हारे पत्र पत्र प्रत्यावर्तन
'कौतूहल के सलिल भँवर आवर्त जटिल
स्मृतियों के,
लवणसिंधु अलंघ्य विरह के अश्रु गरल
मम सुधियों के ।
तप्त तटवती सिकता उर्वी के
सम्मेलन पुनर्मिलन ।
बाँच रही हूँ हृदयगीतगाथा मैं तेरे
परिवर्तन ।
©®सुधा राज

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Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117

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