सुधा राजे का एक संदेश - इतने सारे भाई हैं हमारे।

तीन सगे,
पाँच सौतेले,
दस सगे चचेरे,
छह फुफेरे
दो मौसेरे
अट्ठारह ममेरे
दो पंडित
तीन मुसलिम
एक दरजी
तीन समजाति
एक ढीमर चार दरजन सहपाठी
कुछ अहीर कुछ वनवासी
एक बंजारा
एक सैकङा भर 'पर्व पर बैठे हङताली
क्रांतिकारी
दो संघी
दो ज़माती
इतने भाई हैं हमारे "
फेस बुक पर भी आधा दरजन भाई है
अनदेखे ।
किंतु
आज पहली बार न कहीं राखी भेजी न
किसी को बाँधी,
क्योंकि
अब जाकर समझ में ये बात आई, '
तू ही अपनी बहिना सखी तू ही बाप
भाई
"
ऐसे ही राखी ली और कान्हा के
विग्रह को बाँध दी
अपनी सारी जिम्मेदारियाँ उस नन्हे
के काँधे जा धरी और मन भर आया बस
एक घरी, '
कौन भाई करता है किस बहिन
की रक्षा?
या देश का सैनिक या नगर
का वरदी वाला
वरना तो ये हाथ ही न रहे न रहे
इसमें निवाला ।
हर
पुलिस वाले को बाधना चाहती हूँ एक
राखी
एक राखी हर फौजी को हर
सिपाही को हर चौकीदार को हर
सिपहसालार को ।
एक एक राखी गली के हर लावारिस
कुत्ते को
और एक एक राखी चाँद और सूरज को
बाँधना चाहती हूँ ।
बाँधना चाहती हूँ एक एक राखी हर
उस अजनबी को जिस जिस ने जीवन में
कभी परस्त्री को नहीं छेङा है
परकन्या को कुदृष्टि से नहीं देखा है
परमाता को कभी अपमानित
नहीं किया है ।
हर उस
पुजारी मौलवी पादरी को एक एक
राखी जो मौजवानों को शराब और
छुङवाता है और स्त्री का ।सम्मान
सिखाता है ।
हर उस गोऱखे सिख मुसलिम ईसाई
को जो जो बिना जाति मजहब पूछे
मदद को पराई लङकी के लिये ज़ान
पर खेल जाता है
बाँधना चाहती एक एक कंडक्टर
एकऱाखी हर बस ड्राईवर रेल
ड्राईवर नौका चालक जहाज कप्तान
औऱ पायलट को जो "संकट और
शांति दोनों में सबसे पहले
स्त्रियों को बचाकर बच्चों सहित
पार उतारता है ।
तोङ देता उनके जबङे
जो यात्री बुरी नजर से
किसी महिला यात्री को निहारता है

बाँधना चाहती हूँ एक एक राखी हर
वकील हर जज
को जो महिला अधिकार
की पैरवी और महिला इंसाफ के लिये
समाज की मजलूम बेबस
स्त्रियों को आखिरी उम्मीद पर
न्याय दिलाता है जो दुष्ट की ताकत
को दुष्ट समर्थको सहित हराता है ।
मेरी एक एक राखी हर उस बहादुर
नौजवान को जो घायल
अजनबी को अस्पताल पहुँचाता है ।
और साल में एक बार रक्तदान भी कर
आता है ।न जाने
कितनी बहिनों की गोद और सुहाग
बचाता है।
मेरा भाई है वह हर पत्रकार
जो अन्याय के खिलाफ लङकर
लिखता है बेबाक बोलता है सच
निर्भय ताकि महफूज रहे
लङकियाँ और जाति मजहब से पहले हर
स्त्री को मिले प्राणी होकर
व्यक्ति रूप में जीने का अधिकार,
'मैं एक एक राखी बाँधना चाहती हूँ
हर संपादक को, जो अखबार और चैनल
के मालिक की साजिश और नीति से
भी बगावत करके महिलाओं के
आत्मसम्मान से जीने के हर मसले पर
बेबाक कवितायें कहानी समाचार लेख
और तसवीरें छापता दिखाता है "काट
देता है अश्लीलता को अपनी कैंची से ।
मेरी एक एक राखी उन
गुप्चरों जासूसों को जो अपराध
को सूँघ कर रोकते रहते हैं और हो जाये
तो खोज डालते है अपराधी ।
एक एक राखी हर उस डॉक्टर
को जो स्त्रियों को प्रसव के दौरान
कष्ट से बचाने के लिये नर
नारी का भेद भूलकर अपने कर्त्तव्य
को निभाता है और
हर वह वैज्ञानिक है मेरा सगा भाई
जो स्त्रियों की रक्षा के लिये मशीने
मदद के लिये घरेलू औजार और दर्द
रोकने को दवाईयाँ चलाने
को स्त्री मित्र वाहन बनाता है ।
मेरी एक राखी बहुत चाव से मैं
बाँधना चाहती हूँ उस फ़रिश्ते
को जिसने कहीं अनाथ लङकी को गोद
लिया पढ़ाया बढ़ाया और स्त्री रूप
में कभी हीन महसूस नहीं होने
दिया ।
ये हरा पीला लाल रेशम तार मेरे उस
भाई तक पहुँचे
जो नहीं जानता कि स्त्री सूचक
गालियाँ देना किसे कहते हैं ।
मेरी एक एक राखी हर धोबी और
साफ सफाई मददगार को लुहार
कुम्हार को जो सदियों से स्त्री के
भार को बाँटता है मेरी एक एक
राखी हर दरजी को जो स्त्रियों के
लिये मौसम के अनुसार पूरा बदन ढँकने
को पर्याप्त शालीन वस्त्र सिलकर
स्त्री का काम बाँटता है ।
मेरी राखी हर "नानबाई को हर
रसोईय़े को जो सुबह के नाश्ते और
बीमारी प्रवास के दौरान
स्त्रियों पर से बोझ बाँटकर राहत
देता है स्त्री को रसोई से
यदा कदा ही सही बाहर जी सकने
की मोहलत इजाजत देता है ।
मेरी एक एक राखी उन
बुनकरों को जो बुनते है कपङे सूत और
हर रँगरेज को रँगते है कपङे
स्त्रियों के लिये पोतङे से जोङे और
कफन तक का सफर जिनके सहारे
रहता है वस्त्र का सारा मायाजाल
स्त्री से बहता है ।
मेरी एक एक राखी उन गरीब
सुनारों को गढ़ते है गहने जो रहते है
स्त्रीधन के रूप में कभी संदूक बैंक
तिजोरी में या बदन पर पहिने
विपत्ति और पूँजी के समय आते के काम
सोने चाँदी के हर कारीगर
को हमारी राम राम सलाम ।
मेरी एक एक राखी उन
विधि विनायक स्वरूप
विधायकों सदी के
महानायकों को जिन्होने बनाये
स्त्री रक्षा के लिये विधान मेरे
सहस्त्रों प्रणाम मेरे अपने उन सब
भाईयों को करबद्ध सहस्त्रों प्रणाम
_/\_
नमन
वंदन अभिनंदन
चिरायु हों विजयी हो सुखी रहें ।
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Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117

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