सुधा राजे का लेख :- "" प्रेम और पात्र""

माना कि, ' यूनिफॉर्म सिविलकोड और समान स्त्री अधिकार मौलिक अधिकार बिना
किसी धार्मिक जातीय पर्सनल लॉज के होने अति आवश्यक हैं "नेशनल इंटेग्रेशन
और स्वस्थ सभ्य संप्रभु लोकतंत्र के लिये,,,,,,,,,,,, माना कि अधिकतर
लङकियों को "प्रेमजाल में फँसते समय पता ही नहीं रहता कि पत्नी बनने के
और माता बनने के बाद उनके कानूनी सामाजिक और मौलिक अधिकार पर्सनल लॉ की
व्यवस्था के अधीन कितने सीमित संकुचित और बाध्यकारी होने वाले हैं और
विवाह की वैधता से अनिवार्य """धर्मान्तरण ""अकाट्य रूप से जुङा है न वे
जानती है न इतनी चेतना रहती है कि गंभीरता समझ सकें ",,

फिर भी
एक सवाल
बुरा लगे तो लगे
कि
जिन लङकियों के धर्मान्तरण पर इतना चीख पुकार और इतनी बेचैनी इस लवजेहाद
नामक बीमारी को रोकने की जाहिर की जा रही है ',

क्या
कभी
किसी
माई के लाल ने ""दहेज प्रथा रोकने "
स्त्री पर ससुराल में होने वाली घरेलू हिंसा रोकने में
लङकियों को बेख़ौफ सुरक्षित गली मुहल्ले बाज़ार बसें रेलगाङियाँ,कैंम्पस
उपलब्ध कराने में दिखाई????????????

क्यों
लङकी दूसरे मज़हब के लङकों पर मोहित हो जाती है?
शक्ल देखो जरा आईने में न हो तो गङही धुबईया के पानी में देख लो ',

पिचके गाल
नाटा कद
सींक सा शरीर
हाँफती काया
बदबू मारते कपङे
पीले मैले गुटखे से रँगे दाँत
बदन पर झलकतीं पसलियाँ
या फिर
लटकतीं बोटियाँ
जेब में पापा के दिये रुपये
पैरों में मम्मी की खरिदवाई सैंडिल
बात बात पर स्त्री सूचक गालियाँ
हर शाम कल्हारी या दारू का आबाद ठेका
नर्तकियों पर लुटाते सट्टे जुये के पैसे
बलहीन
बुद्धि हीन
आचरण विहीन
संस्कारविहीन
धनहीन
लालची
शराबी
गुटखाखोर
तंबाकूखोर
सिगरेट खोर
चरित्रहीन
छिछोरे
मैले
कमजोर
अश्लील विचारों से भरे
दहेज लोलुप
स्त्री पर ज़ुल्म करने वाले
लङकियों से नफरत करने वाले
बेटी संतान को मार डालने वाले
लङकियाँ छेङने सताने नोचने खसोटने को मँडराने वाले
पुत्र से कम खाना कम मँहगा कपङा कम हक और कम प्यार देने वाले
तुम
जो जो भी लोग हो
तुम्हारे घर लङकी बहू बनकर पछताये
पत्नी बनकर पछताये
बेटी बनकर पछताये
प्रेमिका बनकर पछताये
बहिन बनकर पछताये
तुम
देखो अपनी कद काठी काया शक्ल अक्ल हुनर और आजीविका कमाना शुरू करने का
समय आयु और कमाई का एमाउण्ट देखो
स्त्री की रक्षा करने की ताकत और जीवन भर उसका और उसके बच्चों का बिना
मायके वालों की मदद और दहेज के खरचा तवज्जो केयर सब नखरे उठाने की हैसियत
देखो!!!!!!!!!!!!
कोई
लङकी तुम पर कैसे फ़िदा हो सकती है??
तुम्हें केवल वही मजबूर लङकियाँ मिल सकतीं है जिनके माँ बाप को कोई बेहतर
विकल्प नहीं मिला और लङकियों में ""मना करने का साहस नहीं रहा "

वरना
हर लङकी चाहती है
उसका पति गोरा हो चाहे सांवला किंतु हमउम्र युवा ताकतवर और फिट चुस्त
दुरुस्त बलवान हो कि उसकी आबरू की रक्षा कर सके कहीं भी उसके साथ वह
महफूज महसूस करे और वह पुरुषत्व से परिपूर्ण केवल दैहिक अर्थों में ही
नहीं हो अपितु उसमें स्त्री को सुरक्षित कोमल सुंदर सुखी सजा सँवरा और
आराम से रखने की भावना और हैसियत भी हो!

भला कौन लङकी चाहेगी उसका पति शराबी हो?????
लाल पीले काले बदबूदार दाँतों वाला हो?????
बाप माँ भाई की कमाई के कपङे जूते मोबाईल खाना बाईक पर इतराता हो???
जिसकी औक़ात खुद का घर बनाना तो दूर रहा, 'अपने घोंसले का किराया भी देने
तक की नहीं हो???
जो
हर बात पर लङकी से कहे बाप का माल है???
और पलंग बिस्तर कुरसी सोफा पंखा कूलर एसी कार गैस हंडिया कङाही कलशा
भगौना तवा चीमटा मिक्सर जूसर वाशिंग मशीन इसतरी कपङे गहने टाई रूमाल
कच्छा बनियान कोट चावल गेहूँ तक लङकी के पिता से वसूल करके खुद को
"""मालिक और लङकी को दासी समझे????
पूरी जिंदगी दो नेकलेस खरीदने की औक़ात न हो परंतु लङकी के पिता से लाखों
रुपया शादी का पूरा खर्चा माँगे??
सोचो
कौन संवेदनशील लङकी हृदय से ऐसा लङका वर रूप में चाहेगी जो उसे कहीं
घुमाने ले जाये तो पूरे परिवार के कपङे गहने लङकी के पिता के दिये
हों????

अरे
चिङवा
भी घोंसला बनाता है
चिङिया को बल हुनर प्यार नाच बोल कर दिखाता है
चिङिया मोहित होती है तब जोङी बनाता है और बच्चों के उङने तक दाना पानी जुटाता है ।
तुम
अगर
अब भी नहीं समझे तो कभी नहीं समझोगे
जाओ गुटखा खाओ
दारू पिओ
धुआ उङाओ
खाँसकर अस्पतालों के चक्कर काटो और
मजबूर लङकियों को घर में बंद रखकर मारपीट कर गरियाकर खुद को
मर्द समझो
तुम्हें "प्रेम कैसे करे कोई भावुक लङकी?
कैसे कोई दिल ऐसे व्यक्ति पर फ़िदा हो?????
आईना न हो तो शाम को जूठी थाली में मुँह देखना "किसका दिया खाया,? औऱ
थाली ननिहाल की थी या बाप की कमाई की,? सोचना जरूर फिर माँ के चेहरे पर
मरी हुयी लङकी खोज सको तो खोजना, "
ये सबके लिये लिखा ताना नहीं है परंतु जिनके लिये है वे खूब समझते हैं कि ',
वे कहाँ खङे होते जब लङकियाँ स्कूल जाती और आती है
©®सुधा राजे


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Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117

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