तुझ सा नहीं है कोई
Sudha Raje
होंठों पे बाँसुरी के सधे सुर ठहर गये।
माथे पे भाद्रपद के मेघ ज्यूँ बिखर गये
।
आनन उजास जैसे
पूर्णिमा का चंद्रमा ।
लोचन विशाल नीली झील
की परिक्रमा ।
गोरा गुलाबी रंग नयन मत्त मदभरे
विस्मृत करें तो कैसे प्रथम दर्श बावरे
।
तुझ सा नहीं है कोई कहीं मेरे साँवरे ।
©®सुधा राज
--
Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117
होंठों पे बाँसुरी के सधे सुर ठहर गये।
माथे पे भाद्रपद के मेघ ज्यूँ बिखर गये
।
आनन उजास जैसे
पूर्णिमा का चंद्रमा ।
लोचन विशाल नीली झील
की परिक्रमा ।
गोरा गुलाबी रंग नयन मत्त मदभरे
विस्मृत करें तो कैसे प्रथम दर्श बावरे
।
तुझ सा नहीं है कोई कहीं मेरे साँवरे ।
©®सुधा राज
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Sudha Raje
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