सुधा राजे का संस्मरण-" चिरकुटई करते क्यों हैं भलमनई।"
!!! कई साल पहले हम इलाहबाद संगम
पर थे "बापू और हमारे साथ कुछ
ऋषिकेश के ऑफिसर परिवार।
"""""""हम कोई बङे तैराक नहीं "तब
लॉ ग्रेजुएशन और आईएएस ''छात्रा थे
।
"""हम सब लङकियों को बोट मैन ने
एक चौकी पर नहा लेने को कहा, हम
लोग बङों के घेरे में नहा रहे थे,
चौकी के पाये पकङ कर ।
धार तेज बहुत
तेज "थी ।
""""""""कुछ स्थानीय बङी आयु के
लङके, नहाती लङकियों के अरीब
करीब नहाने को और ऊटपटाँग हरकते
करने को तैरने लगे "
हम लोगों ने
बङी महिलाओं को चारों तरफ
किया और नहाकर बोट पर क्रमशः
चढ़ने लगे और कपङे बदलने की बजाय
शॉल ओढ़ लिये ।
''''मल्लाह और
पुजारी ""बराबर चीख रहे थे
कि "''बाबू जी जमुना के जल में मत
नहाना ""वहाँ गहराई कीचङ और
खाई है ''केवल गंगा में नहाओ ।
डुबकी संगम की वहाँ पुरुषों के लिये
चौकी है उधर मिली धार में ले लो ।"""
लेकिन लङकियों को स्टंट दिखाने और
करीब से करीब बद्तमीजी करने
को तैराकी करने लगे और
""बहादुरी दिखाने के लिये ""जमुना में चले
गये ''
केवल एक मिनट और मल्लाह चीखे -
""ओह्ह्हो डूबत
बा sssssदौङा हो """"
चार पाँच कङियल तरुण काले मल्लाह कूदे
और सब अवाक्
हम प्रार्थना कर रहे थे कि "हे
गंगा माँ ये लङके हैं तो बहुत बदतमीज किंतु
सबक सिखाने को प्राणदंड न
देना हमारी आँखों के सामने
नहीं तो फिर कभी गंगा नहीं नहाय़ेंगे
हम """""
एक से दो मिनट के बाद दोनो लङके
ऊपर लाकर
मल्लाह हुक हुक करके दबा रहे थे और
लङके पानी भुल भुव कर उगल रहे थे ।
लङके बच गये
सबने
जयकारा लगाया ""बोलो गंगा मैया की जय
बोलो जमुना मैया की जय
बोलो सरस्वती मैया की जय
बोलो हर हर महादेव,,,,,,,
हम सब उन ""देव दूतों को झुक गये मन
ही मन । पूछा "भैया "ऐसे हादसे
कितने होते हैं??
मल्लाहों ने चमकते सफेद दाँत निकाल
कर कहा """बहिनी ई त हमार रोज
का कार बा ""ई बाबू लोग
पढ़ा लिखा बङमनई आवे लें गंगा नहाये
करे लगलैं महरकट चिरकुटई त
गंगा माई दयालु बाङीं बखस
दिहेली तब जमुना माई रोष करेली औ
डूबो दिहेली
न ई इहाँ "गंद मचाबैं । न संगम कै
देउता इनके डुबौबैं ।
ई एहि लायक बाङैँ "
बकि हमार काज बा डुबले मनई
बचावा ।
उन सब मल्लाहों ने बारह पंद्रह
की आयु से हजारो ""पढ़े लिखे
चिरकुटों की जान बचाई """
सवाल है "नदियों पर चिरकुटई करते
क्यों हैं?पढ़े लिखे भलमनई?
और नमन उन जीवन
दाता नाविकों को ।
जो किसी पुरस्कार के बिना जीवन बाँटते हैं ।
--
Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117
पर थे "बापू और हमारे साथ कुछ
ऋषिकेश के ऑफिसर परिवार।
"""""""हम कोई बङे तैराक नहीं "तब
लॉ ग्रेजुएशन और आईएएस ''छात्रा थे
।
"""हम सब लङकियों को बोट मैन ने
एक चौकी पर नहा लेने को कहा, हम
लोग बङों के घेरे में नहा रहे थे,
चौकी के पाये पकङ कर ।
धार तेज बहुत
तेज "थी ।
""""""""कुछ स्थानीय बङी आयु के
लङके, नहाती लङकियों के अरीब
करीब नहाने को और ऊटपटाँग हरकते
करने को तैरने लगे "
हम लोगों ने
बङी महिलाओं को चारों तरफ
किया और नहाकर बोट पर क्रमशः
चढ़ने लगे और कपङे बदलने की बजाय
शॉल ओढ़ लिये ।
''''मल्लाह और
पुजारी ""बराबर चीख रहे थे
कि "''बाबू जी जमुना के जल में मत
नहाना ""वहाँ गहराई कीचङ और
खाई है ''केवल गंगा में नहाओ ।
डुबकी संगम की वहाँ पुरुषों के लिये
चौकी है उधर मिली धार में ले लो ।"""
लेकिन लङकियों को स्टंट दिखाने और
करीब से करीब बद्तमीजी करने
को तैराकी करने लगे और
""बहादुरी दिखाने के लिये ""जमुना में चले
गये ''
केवल एक मिनट और मल्लाह चीखे -
""ओह्ह्हो डूबत
बा sssssदौङा हो """"
चार पाँच कङियल तरुण काले मल्लाह कूदे
और सब अवाक्
हम प्रार्थना कर रहे थे कि "हे
गंगा माँ ये लङके हैं तो बहुत बदतमीज किंतु
सबक सिखाने को प्राणदंड न
देना हमारी आँखों के सामने
नहीं तो फिर कभी गंगा नहीं नहाय़ेंगे
हम """""
एक से दो मिनट के बाद दोनो लङके
ऊपर लाकर
मल्लाह हुक हुक करके दबा रहे थे और
लङके पानी भुल भुव कर उगल रहे थे ।
लङके बच गये
सबने
जयकारा लगाया ""बोलो गंगा मैया की जय
बोलो जमुना मैया की जय
बोलो सरस्वती मैया की जय
बोलो हर हर महादेव,,,,,,,
हम सब उन ""देव दूतों को झुक गये मन
ही मन । पूछा "भैया "ऐसे हादसे
कितने होते हैं??
मल्लाहों ने चमकते सफेद दाँत निकाल
कर कहा """बहिनी ई त हमार रोज
का कार बा ""ई बाबू लोग
पढ़ा लिखा बङमनई आवे लें गंगा नहाये
करे लगलैं महरकट चिरकुटई त
गंगा माई दयालु बाङीं बखस
दिहेली तब जमुना माई रोष करेली औ
डूबो दिहेली
न ई इहाँ "गंद मचाबैं । न संगम कै
देउता इनके डुबौबैं ।
ई एहि लायक बाङैँ "
बकि हमार काज बा डुबले मनई
बचावा ।
उन सब मल्लाहों ने बारह पंद्रह
की आयु से हजारो ""पढ़े लिखे
चिरकुटों की जान बचाई """
सवाल है "नदियों पर चिरकुटई करते
क्यों हैं?पढ़े लिखे भलमनई?
और नमन उन जीवन
दाता नाविकों को ।
जो किसी पुरस्कार के बिना जीवन बाँटते हैं ।
--
Sudha Raje
Address- 511/2, Peetambara Aasheesh
Fatehnagar
Sherkot-246747
Bijnor
U.P.
Email- sudha.raje7@gmail.com
Mobile- 9358874117
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