Thursday 28 March 2013

बुरा न मानो होली है ।

पेटरोल के नाम पे लेबे नोट
डकार
तब लिखने दे रपट
जो असली थानेदार
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वाहन रोके पूछबे हैलमेट
अनुज्ञप्ति
ट्रैफिक दस के नोट पर हवल
दार उन्मुक्ति
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डाँट डपट दे दीन कौ धनिकन
कौ सत्कार
पुलिस अधीक्षक
वो सुधा "जिलाधीश हुशियार
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बुकरा सौ बक बक करै कुक्कुट
सौ सब खाये
होय गङैँता गेँहुअन
सुधा वकील कहाय
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वरदी वाला टुल्ल है कुत्ता चाटे
गाल
कहैँ सुधा जी भद्रजन!!! खेलौ खूब
गुलाल
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घिची खैँच सौ धौल दै
गारी देबै साठ
आरक्षी साँचौँ सुधा "होय
जिया सौँ काठ
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वाकई ही व्यापार है सहज
सूचना तंत्र
टाँय हों फिस्स वे पत्रकार गयेँ
यंत्र
कलम नहीँ कागज नहीँ नहिँ ओलम
कौ ज्ञान
थाने में ठर्रा पियेँ पत्रकार
की शान
खबर बनायी जात है
होती नईँयाँ रोज
छेङछाङ खौँ रेप लिख ।
सुधा यही है खोज
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पत्रकार सब टुल्ल हैँ ठप्प हुये
अखबार
विज्ञापन से चल रहा
सुधा खबर का प्यार
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शुद्ध बुद्धिजीवी वही पैसा ले
चटकाय
कहे सुधा जी व्यर्थ हैँ
आदर्शन ढिँग जाये
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अद्धी खीसे में पङी एटीएम के
नोट
चमचा चाँटेँ तश्तरी
सुधा माँग रये बोट
नेता की जयकार मैँ गरौ बैठ
गयी भाँस
कहे सुधा जी शुभ सुनो
चमचे का आकाश
खी खी कर हर बात पै खीसेँ देय
निपोर
नेता करे डकार वो
"जय हो "कयेगो जोर
चमचा घी में तर रहै
मंत्राणी को मीत
भाभी जी कौ देवरा
लेय सुधा जी जीत
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जुकरबर्ग की फेसबुक
वनिता ही की मीत
हङ गये चिक्कर गये सुधा"कैसे
बाँधेँ भीत
पिया गये परदेश
खौँ त्रिया लिखेँ नहिँ पत्र
व्यस्त सुधा अपडेट्स में
दसहजार हैँ मित्र
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घरवारी बाशन घिसे बे
कबिता के नेह
कहैँ सुधा जी सत्य कवि पर
तिरिया पै मेह
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सौ सौ जूते खाय तमाशा घुस के
देखे
सच्चा नेता वही सुधा जी!!
हमरे लेखैं
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पर तिरिया खौं देख कैं
कूलै जिउ बॆचैन
पदमशिरी लेखक वही
कहैं सुधा जी बैन
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होरी की जोरी गयी गये
सब रंग किलोल
रिश्वत घोटाले
सुधा "नेता पी गये घोल
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sudha raje

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