सुधा दोहावली

डिंपल ने दये लट्ठ दो चित्त गिरे
अखिलेश
हा हा कप रये छोङ दे
सौपू इत्र प्रदेश
कहें मुलायम दाउ सुन
बैनी आज़मख़ान
पक्को कर्रो है हरौ भगवा है
शैतान
पिटे कुटे फिर सैं जुटे
अन्ना केजरिवाल
रामदेव लुटिया डुबी
गयो यार नेपाल
मनमोहन मन में कहैँ
मैडम बाबा आयेँ
पिंड छुटे कछु बोल ले
संसद प्रान खिंचाये
शिंदे अब तौ सीख लो
बिटियन को सम्मान
मौङी सब स्यानी कहें
ताज नगर प्रस्थान
शीला की लीला भली दिल्ली भयी मशहूर
हनीसिंह सँग नाच के
पछता रयीँ अब हूर
राहुल भैया ब्याह में काये लगा रये
देर
काँगरेस की का कही आ ये
बुढ़ौती घेर
भगवत के वचनन सुनी नारी नर
की दास
पढ़बौ लिखबौ छोङ के
कुठरी कर उपवास
कहैँ
आडवाणी सुनो साँची आछी बात
जसवंती कल्याणवी राग
गुप्त रये रात
सुधा कहै होरी भयी बुरौ न
मानो आज
हम ठहरे टटपूजियाँ
है खिचङी कौ राज़
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Sudha Raje
Datia//Bijnor

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