एक पत्र संपादक जी के नाम 'प्रधानमंत्री जी के लिये ...

आदरणीय संपादक जी
आपके समाचार पत्र के माध्यम से, अपनी बात माननीय प्रधानमंत्री जी, एवं
मनोरंजन तथा फिल्म और विज्ञापन से संबंधित स्थानीय अधिकारियों तक अपनी
बात पहुँचाना चाहते हैं 'सादर ''''

माननीय
नरेंद्र भाई मोदी जी
प्रधानमंत्री भारत संघ
विषय --अश्लील बेबसाईटे,, चित्र,
चलचित्र, सीडी, डीवीडी, पत्रिकायें,
पोस्टर, टी वी सीरियल, और तमाम वे
सामग्रियाँ जो "स्त्री देह को नग्न
दिखाती हैं और स्त्री पुरुष या गे
लेस्बियन इत्यादि के दैहिक यौन संबंध
दिखाती छापती हैं और
शब्दों द्वारा अश्लील शब्द विवरण
करती हा जो कि ',देश की संस्कृति के
विरुद्ध है और जिनसे समाज में
अनेतिकता फैल रही है को बंद कराने और
तत्काल प्रभाव से ऐसे सारे प्रसारण
प्रकाशन जो केवल मनोरंजन और सूचना के
नाम पर स्त्री को शर्मिंदा करते हैं और
भोग विलास की वस्तु के रूप में प्रस्तुत
करते बंद कराने की प्रार्थना अपील और
निवेदन ।
आदरणीय
सविनय विनम्र निवेदन है कि देश
की स्त्रियाँ और छोटे बच्चे आज कई साल
से अचानक बढ़ती छेङछाङ
कोहनीबाजी पिंचिंग
फिकरेबाजी पीछा करना ताक झाँक
घूरना गंदे गीत गाना और जगह बे जगह
नोंच खसोंच बलात्कार हत्या तेज़ाब
कुकर्म
और सुबूत मिटाने के लिये की गयी वीभत्स
हत्याओं से हाहाकारी आर्तनाद में जल
रहा है ।
देश की आधी आबादी हर समय डर भय
दहशत आतंक में मर मर कर घुट घुट कर
बमुश्किल साँस ले पा रही है । आबरू
रेजी और अश्लील वीडियो बनाकर
बाजार में बेचना कट पेस्ट और टैक्नीक से
किसी भी स्त्री के गंदे चित्र बनाकर
ब्लैक मेल कर लेना ये सारे अपराध अब
गाँव गाँव पहुँच चुके हैं।
लङके बूढ़े जवान सब अकसर मोबाईल
लैपटॉप और सीडी डी वी डी प्लेयर पर
गंदी ब्लू फिल्में अश्लील गीत तसवीरे
नाच गाने और बात चीत करने
वाली साईट पर भटके रहने लगे है ।
मानवीय कमजोरी है कामवासना और
लालच इसी का लाभ ये
अश्लीलता परोसकर करोङो रुपया कमारे
वाले लोग करते हैं ।
अब तक यही पक्ष सामने आया है कि हर
दुर्दांत बलात्कारी अश्लील फिल्में
बेबसाईटें पोर्न पेज और अश्लील चैटिंग
चित्र पत्रिका आदि पर
बिजी रहता था ऐसी उत्तेजित मानसिक
अवस्था में शराब अफीम कोकीन
गाँजा या नशे की गोलियाँ खा लीं ।
मन मस्तिष्क में भङकी वासना में वह भूल
गया कि वह पापकरने जा रहा है ।
योजना बनाकर समूह
बनाया लङकी हासिल की और रेप करके
जान से मार डाली या फराकयर
हो गया ।
न वह अश्लील सामग्री देखता न मन
बेकाबू होता न नशा करता न होश
खोता और न ही लङकी अपहरण करके
बलात्कार करता न ही सजाके डर से
हत्या करता ।
आज लाखो लङकियाँ मार
डाली जा रही है """गर्भ में ""दहेज के डर
से और बलात्कार के डर से । अकसर
माँ बाप डरे हुये हैं लङकी जब तक घर
वापस नही आ जाती साँस अटकी रहती है

वासना ही वासना का क्रूर नग्न नर्तन
जारी है ।
तो फिर क्यों न कमजोर मनोबल के लोग
इस पाप की चपेटमें आयेगे ।
आज अनेक अखबार पत्रिकायें विज्ञापन के
नाम पर यौन शक्ति बढ़ाने के "वर्गीकृत
विज्ञापन छापती है तो अनेक टैंट वाले
हकीम नगर नगर बस अड्डे रेलवे और नगर
के ओर छोर पर तमाम नुस्खे लेकर
जनता को लूट रहे हैं ।
अश्लील फिल्मों के पोस्टर ठीक
वहीं लगाये जाते हैं जहाँ स्त्रियाँ बस
टेम्पू रेल के इंतिजार में खङी होती हैं ।
मनोरंजन के नाम पर नग्न प्रदर्शन
जारी है और अभिव्यक्ति की आजादी के
नाम पर तमाम समाचार बेबपेज तक खुले
आम स्त्री पुरुष वग्नता सेक्स और
गंदी जानकारियाँ परोस रहे है ।किशोर
और
ुवा सबसे ज्यादा बलात्कार कर रहे है
तो बङे बुजुर्ग भी लङकियों को बेटी बहू
की बजाय मादा जिस्म समझकर
ही बर्ताव करते हैं ।
बहुत कम लङकियाँ है जो परिवार से दूर
रहकर पढ़ने लिखने जॉब करने की हिम्मत
जुटा पाती हैं ।
पता नहीं कौन
योनरोगी मनोरोगी योनमनोविकृत
कहाँ किस लङकी की आबरू लूट ले और मार
डाले ।
जनहित
लोकहित
स्त्रियों के हित
समाज संस्कृति और देश
की छवि मर्यादा सम्मान के हित में ।
कृपया तत्काल आदेश जारी करके हर
प्रकाश के अश्लील चित्रण प्रसारण
फिल्मांकन को सदा के लिये बंद करके यह
भी देखे कि अलग भ्रामक नामों से बिक
रही ऐसी गंदगी सामग्री ""जलवाना प्रारंभ
करे ""सारी महिलायें और जिम्मेदार भद्र
पुरुष इस अभियान में गाँव नगर कसबे
महानगर आपके आदेश को पीलन करवाने में
हरतरह तैयार है ।
आशा है
देश की बहू बेटियों बहिनों माँओं के
'धर्मपुत्र भाई और धर्म पिता की तरह
पदेन संरक्षक होकर आप तत्काल
सारी अश्लील साईटें बंद करायेगे और
अश्लील पोस्टर पैकेजिंग जलवायें
प्रसारण सख्ती से रोकेंगे ।
विनम्र आभार आशा और त्वरित
काररवाही की अपेक्षा के साथ ।
वन्देमातरम
जयभारत
सादर आभार सहित
प्रार्थी
सब गृहिणियाँ
बेटियों की माँयें
छात्रायें
मजदूर किसान
और कामकाजी महिलायें ।
सभी बहिनो के भाई
बेटियों के पिता
माँओं के बेटे
जो अश्लीलता पसंद नहीं करते ।
जो चाहते हैं कि देश हित में पोर्न साईटें
पब्लिकेशन प्रसारण मुद्रण बंद हो ।
केबल टीवी "वे सब पत्रिकायें जिनमें खबर
के नाम पर पोर्न स्टार
विदेशी देशी लङकियों के नग्न चित्र
छपते हैं बंद करवायें ।
हम जानते है बहुत मुश्किल है
बिगङी को सँभालना । किंतु आप देश
की हर बेटी के संरक्षक धर्मपिता हैं और
उन सबकी गुहार है । रोम एक दिन में
नहीं बना था । इंडिया को भारत बनाने
में भी समय लगेगा परंतु कठोर और तत्काल
कदम तो उठाने ही होंगे जो युगों तक
याद रखे जायेगे ।
स्त्रियों पर अश्लील चुटकुले और
""वासना भङकाऊ विज्ञापन भी बंद
करवाईये ।
एन जी ओज का साथ लें और गैर
सरकारी संगठनों से मदद माँगे और
स्कूली एन सीसी स्काऊट गाईड
का सहारा ले ।
निजी तौर पर हमने जन्मभूमि और
कर्मभूमि में ऐसे तमाम प्रयास किये और
काफी सफल रहे परंतु हम हार रहे है
तो ""मोबाईल टीवी अखबार में जा घुसे
अश्लीलता के राक्षसों से ।
आगमन आपका भारत के उद्धार को है ।
यही भरोसा कमजोर स्त्रियाँ महसूस
करतीं हैं ।
विशेष कर बच्चे जो कामुक अश्लील
प्रसारण प्रकाशन सीरियल किताबें
देखते हैं अकेले दुकेले में ऐसी कुचेष्टायें खुद
कर डालते हैं और यही वजह है
कि नाबालिग बलात्कारी बढ़ रहे हैं और
जघन्य कांड कर रहे हैं । खतरा पैदा होने
से मरने तक की हर आयु की स्त्री पर ये
अश्लील प्रसारण देखने वाले बने हुये हैं ।
क्या भारत
की बेटी होना ही स्त्री का दुर्भाग्य
है??
जिस किसी विज्ञापन
को देखो मादा को पटाने रिझाने
या मर्द को वश में करने के लिये सारे
उत्पाद बेचता दिखता है!!!!!!
सबसे अधिक बच्चे दूषित हो रहे हैं
उनको लगता है ये सब तो एक नॉर्मल गेम
है और नैतिकता चरित्र
परपीङा परसेवा कानून तब तक समझ में
आता ही नहीं ।
गिरे तो गिरते चले गये "
क्या भारत "वेश्याओं और बलत्कृत
लाशों का देश बनकर रहने को छोङ
दिया जाना चाहिये?
कानून के रखवाले तक अश्लील सामग्री में
उलझे पङे यत्र तत्र मिल जाते हैं!!!
विधायक सांसद टीचर डॉक्टर वकील
पत्रकार तक यदा कदा ऐसी हरकतों में
लिप्त पाये जाते हैं ।आहार निद्रा भय
मैथुन तो पशु और मानव में समान हैं । किंतु
पशु हर समय हर आयु हर जगह यौन
गतिविधियों पर ही नहीं केन्द्रित
रहता । आज टीवी उद्घोषिका का जब
तक कपङा डीप गले का न
हो लोगों को समाचार
अच्छा नहीं लगेगा ऐसा लगता है
तो निसंदेह कचरा सब जगह है ।
घरों में पिता भाई चाचा और नाते दार
डराते है । मुहल्ले में पङौसी और स्कूल में
टीचर चौकीदार माली ड्राईवर ।
दफ्तर में कलीग और बॉस ।
कहाँ जायें स्त्रियाँ????
क्या हर वक्त तैयारी में
रहा जा सकता है कि मौत और बलात्कार
कहीं भी किसी का भी हो सकता है??
बच्चों को अब एक साथ खेलने
छोङना डरावना है । जब नादान लङके
तक साथी मासूम लङकी का बलात्कार
करने की हरकतें कर डालते हैं ।
समाचारों पर गौर करे ग्यारह बारह
साल के लङके तक रेपिस्ट बन रहे हैं । और
जो नहीं है वे बातें ताने फिकरे चुटकुले और
छेङछाङ तो करते ही है । लङके
ही लङकों को रेप कर डालते है रैगिंग के
नाम पर ।
हमारा निवेदन है कि एक तत्काल
सख्ती अश्लीलता के खिलाफ
की जानी जरूरी है । दूसरी है दंड जाँच
और तुरंत एक्शन । दिन रात पेट्रोलिंग ।
गाँव गाँव घर घर शौचालय और
महिला टॉयलेट हर पब्लिक प्लेस पर और
महिला पुलिस हर थाने पर और हर गाँव
नगर में महिला सुरक्षार्थ एन जी ओ
का गठन दूसरा कदम हो सकता है । हमने
ऐसे कार्य छोटे पैमाने पर किये और
काफी सुधार आया । एर
परखनली प्रयोग ही सही परंतु निराश
होकर बैठना नहीं सख्ती और तेजी से
कार्य होने चाहिये ।
अश्लीलता को जनता की माँग कहने वाले
दैत्य संस्कृति के दीमक हैं । इन्हें तत्काल
रोकें ।
नमन
वंदन
पत्र लेखिका (सुधा राजे )


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