सुधा राजे के गीत
अब भी सहरा में
आँसुओं की नदी बहती है।
Sudha Raje
अब भी सहरा में आँसुओं
की नदी बहती है।
बर्फ़ सरहद पे गिरी
गाँव" वो"सिहरती है
ख़ून में
लिपटा तिरंगा वो जिस्म
कद्दावर
बर्फ़ में दफ़्न
हरी वर्दियाँ बिखरती हैं
धुंध कोहरे को चीरते
वो लफ़्ज़ "जय भारत"
वो सफेदी पे लाल बारिशें
बरसतीं हैं
वो झुर्रियाँ वो आँखें
धुँधली हुयी रो -रो के
थरथराती वो थकाने
जो रोज़ मरतीं हैं
सफेद थान में
जिन्दा वो लाशें तन्हा हैं
वो "किलक" मुफ़्लिसी में
जो यतीम पलती है
वो उड़ाने जो मय्यतों पे
लायी आबादी
वो ज़नाज़े जो बरातें
भी रश्क़ करतीं हैं
वो सख्त सर्द
हवा जख्मी सिपाही कोहन
वो चिट्ठियाँ लहू से धुल के
अश्क़ भरतीं हैं
वो आँसुओं से तर-ब-तर भिंचे
नरम तकिये
कलाई सूनी रजाई खनक
पिघलती है
आह वो आग वो दिल
ज़िस्मो -ज़ां ज़मीर जले
वो ख्वाहिशें जो गर्म ख़ून
में मचलतीं हैं
वो गर्म गर्म बयानों पे
सियासत ठंडी
वो सर्द फर्ज़ राहतें फ़रेब
करतीं हैं
वो ख़ैरख्वाह वो ग़ंज़ीने
कहाँ गये बोलो? ?
अब भी बंदूक वो सरहद पे यूँ
ही चलती है
वो राखियाँ समाधियों पे
हिचकियाँ रखतीं
वो डोलियाँ जो बिना भाई
के निकलती हैं
वो आईने पे चाक़ चूर लहू
की बिन्दी
वो अपने खून से ज़र-बर्क़
माँग भरती है
आग बारूद वो संग़ीन
वो चमक़ लाशें
वो गली उँगलियाँ जलती बरफ
अकड़तीं हैं
सर्दियाँ वर्दियाँ ठंडी बरफ़
घने कोहरे
शबनमें चश्मे "" सुधा"" उफ्फ
चिनाब जलती है
©®¶©®¶
Sudha Raje
Datia--Bijnor
वंदे मातरम बोल
Sudha Raje©®
दुश्मन की ललकार मिटा दे
भुनगों की गुंजार मिटा दो।
तिनकों की दीवार मिटा दे ।
उठा उठा तूफान
बाजुओं
क़दमों से भूडोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द -
हिन्द की सेना की जय बोल ।
वन्दे मातरम् बोल ।
उठो तिरंगा झुक ना जाये
उठो ये गंगा रुक ना जाये
उठो कि बच्चे चिंहुँक ना जाये ।
भून भून दो कीट पतिंगे ।
तोपों के मुँह खोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्देमातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द हिन्द
की सेना की जय बोल ।
©®Sudha Raje
है कश्मीर हमारी क्यारी
काटो जो करते ग़द्दारी।
शौर्य देख ले दुनियाँ सारी।
सीमा पर दुश्मन की लाशें
बिछा बदल भूगोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द
हिन्द की सेना की जय बोल ।
सबसे पहले देश का नारा
जय विज्ञान किसान हमारा।
हर सीने पर लिखे तिरंगा हर जवान
अनमोल।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
मानचित्र नयी सीमा खींचों
दुश्मन के लोहू से सींचों ।
नमक चुकाओ आँख न मींचों
मज़हब भाषा जात भूल
कर मिलो आज़ जी खोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल!!!
छोङो छोङो अब रंगीनी ।
दुश्मन ने कमज़ोरी चीन्ही।
है नापाक़ इरादे ख़ूनी।
संगीनों की नोंक पे रख दो ।
सबकी साज़िश तोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम बोल
वन्दे मातरम बोल
बोल बोल जय हिन्द!!!
हिन्द की सेना की जय बोल
वन्दे मातरम् बोल
Jai hind!!!!
Written by Sudha Raje
©®
सुधा राजे
Dta-Bjnr
जयभारत
आँसुओं की नदी बहती है।
Sudha Raje
अब भी सहरा में आँसुओं
की नदी बहती है।
बर्फ़ सरहद पे गिरी
गाँव" वो"सिहरती है
ख़ून में
लिपटा तिरंगा वो जिस्म
कद्दावर
बर्फ़ में दफ़्न
हरी वर्दियाँ बिखरती हैं
धुंध कोहरे को चीरते
वो लफ़्ज़ "जय भारत"
वो सफेदी पे लाल बारिशें
बरसतीं हैं
वो झुर्रियाँ वो आँखें
धुँधली हुयी रो -रो के
थरथराती वो थकाने
जो रोज़ मरतीं हैं
सफेद थान में
जिन्दा वो लाशें तन्हा हैं
वो "किलक" मुफ़्लिसी में
जो यतीम पलती है
वो उड़ाने जो मय्यतों पे
लायी आबादी
वो ज़नाज़े जो बरातें
भी रश्क़ करतीं हैं
वो सख्त सर्द
हवा जख्मी सिपाही कोहन
वो चिट्ठियाँ लहू से धुल के
अश्क़ भरतीं हैं
वो आँसुओं से तर-ब-तर भिंचे
नरम तकिये
कलाई सूनी रजाई खनक
पिघलती है
आह वो आग वो दिल
ज़िस्मो -ज़ां ज़मीर जले
वो ख्वाहिशें जो गर्म ख़ून
में मचलतीं हैं
वो गर्म गर्म बयानों पे
सियासत ठंडी
वो सर्द फर्ज़ राहतें फ़रेब
करतीं हैं
वो ख़ैरख्वाह वो ग़ंज़ीने
कहाँ गये बोलो? ?
अब भी बंदूक वो सरहद पे यूँ
ही चलती है
वो राखियाँ समाधियों पे
हिचकियाँ रखतीं
वो डोलियाँ जो बिना भाई
के निकलती हैं
वो आईने पे चाक़ चूर लहू
की बिन्दी
वो अपने खून से ज़र-बर्क़
माँग भरती है
आग बारूद वो संग़ीन
वो चमक़ लाशें
वो गली उँगलियाँ जलती बरफ
अकड़तीं हैं
सर्दियाँ वर्दियाँ ठंडी बरफ़
घने कोहरे
शबनमें चश्मे "" सुधा"" उफ्फ
चिनाब जलती है
©®¶©®¶
Sudha Raje
Datia--Bijnor
वंदे मातरम बोल
Sudha Raje©®
दुश्मन की ललकार मिटा दे
भुनगों की गुंजार मिटा दो।
तिनकों की दीवार मिटा दे ।
उठा उठा तूफान
बाजुओं
क़दमों से भूडोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द -
हिन्द की सेना की जय बोल ।
वन्दे मातरम् बोल ।
उठो तिरंगा झुक ना जाये
उठो ये गंगा रुक ना जाये
उठो कि बच्चे चिंहुँक ना जाये ।
भून भून दो कीट पतिंगे ।
तोपों के मुँह खोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्देमातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
बोल बोल जयहिन्द हिन्द
की सेना की जय बोल ।
©®Sudha Raje
है कश्मीर हमारी क्यारी
काटो जो करते ग़द्दारी।
शौर्य देख ले दुनियाँ सारी।
सीमा पर दुश्मन की लाशें
बिछा बदल भूगोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द
हिन्द की सेना की जय बोल ।
सबसे पहले देश का नारा
जय विज्ञान किसान हमारा।
हर सीने पर लिखे तिरंगा हर जवान
अनमोल।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल
वन्दे मातरम् बोल ।
मानचित्र नयी सीमा खींचों
दुश्मन के लोहू से सींचों ।
नमक चुकाओ आँख न मींचों
मज़हब भाषा जात भूल
कर मिलो आज़ जी खोल ।
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
बोल बोल जयहिन्द!!!!!!!!
हिन्द की सेना की जय बोल!!!
छोङो छोङो अब रंगीनी ।
दुश्मन ने कमज़ोरी चीन्ही।
है नापाक़ इरादे ख़ूनी।
संगीनों की नोंक पे रख दो ।
सबकी साज़िश तोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम् बोल
वन्दे मातरम बोल
वन्दे मातरम बोल
बोल बोल जय हिन्द!!!
हिन्द की सेना की जय बोल
वन्दे मातरम् बोल
Jai hind!!!!
Written by Sudha Raje
©®
सुधा राजे
Dta-Bjnr
जयभारत
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